
EPFO Pension after retirement का विषय हर नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए अहम है। कर्मचारी पेंशन योजना एक रिटायरमेंट स्कीम (Retirement Scheme) है, जिसमें नौकरी के दौरान हर महीने एक तय राशि योगदान के रूप में जमा होती है। यह राशि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत सुरक्षित रहती है और 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद हर महीने पेंशन के रूप में मिलती है। लेकिन बहुत से कर्मचारी यह सोचते हैं कि यदि उन्होंने पीएफ (PF) से पैसा बीच में निकाल लिया है, तो क्या उन्हें भी पेंशन मिलेगी? इस लेख में हम इसी सवाल का विस्तार से विश्लेषण करेंगे और जानेंगे कि EPFO के नियम क्या कहते हैं।
क्या PF से पैसा निकालने पर पेंशन नहीं मिलती?
इस प्रश्न का उत्तर है– हां, पेंशन मिलती है। कर्मचारी अगर EPFO के अंतर्गत पंजीकृत है और उसने नियमित PF योगदान दिया है, तो वह रिटायरमेंट के बाद भी पेंशन पाने का हकदार होता है, भले ही उसने बीच में आंशिक राशि निकाल ली हो। मुख्य शर्त यह है कि कर्मचारी ने कम से कम 10 साल की सेवा पूरी की हो। 10 साल तक लगातार या अनियमित रूप से भी योगदान रहा है, तो भी कर्मचारी पेंशन के पात्र बनते हैं।
58 साल की उम्र से पहले पेंशन क्लेम करने पर क्या होता है?
EPFO में कर्मचारी की मासिक बेसिक सैलरी का 12% हिस्सा जमा होता है, जिसमें से 8.33% पेंशन स्कीम में और 3.67% EPF अकाउंट में जाता है। यदि कोई व्यक्ति 58 वर्ष की उम्र से पहले पेंशन का क्लेम करता है, तो उसे हर वर्ष 4% की कटौती झेलनी पड़ती है। 50 वर्ष की उम्र के बाद कर्मचारी को पेंशन क्लेम करने का अधिकार है, पर यह छूट कटौती के साथ मिलती है।
रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को EPF में जमा कुल राशि का 75% हिस्सा एकमुश्त मिल जाता है, और शेष 25% हिस्सा मंथली पेंशन के रूप में दिया जाता है। पेंशन की राशि को निर्धारित करने का फॉर्मूला है:
पेंशन = औसत सैलरी x पेंशनेबल सर्विस / 70
यह औसत सैलरी पिछले 60 महीनों की होती है और पेंशनेबल सर्विस का मतलब कुल साल है जिसमें कर्मचारी ने EPFO में योगदान किया।
10 साल की सेवा के बाद ही मिलती है पेंशन की पात्रता
EPFO के अनुसार, पेंशन का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 10 साल की सेवा देनी आवश्यक है। यह अवधि निरंतर हो या कुछ अंतराल के साथ, महत्वपूर्ण यह है कि कुल सेवा अवधि 10 साल होनी चाहिए। इसके बाद कर्मचारी को 58 वर्ष की उम्र पर पूरा पेंशन लाभ मिलता है। अगर कोई व्यक्ति 50 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन चाहता है, तो उसे छूट मिलती है लेकिन कुछ कटौती के साथ।