
गर आप कभी किसी हिल स्टेशन गए हैं, तो आपने जरूर एक चीज नोट की होगी—एक बड़ी, चौड़ी, खूबसूरत सड़क जहां लोग सैर कर रहे होते हैं, दुकानों से खरीदारी कर रहे होते हैं या बस नज़ारों का लुत्फ उठा रहे होते हैं। इस खास सड़क को ही माल रोड कहा जाता है। भारत के लगभग हर प्रमुख हिल स्टेशन जैसे शिमला, मसूरी, नैनीताल, मनाली आदि में माल रोड-Mall Road जरूर मौजूद होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ये माल रोड होती क्या है और इसे क्यों बनाया गया था? आइए इस रोचक इतिहास को विस्तार से समझते हैं।
माल रोड का पूरा नाम और इतिहास
माल रोड का पूरा नाम Married Accommodation and Living Line Road होता है। यह नाम उस समय से चला आ रहा है जब भारत पर ब्रिटिश शासन था। अंग्रेजों ने अपने अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए हिल स्टेशनों पर ठहरने और आराम करने की जगहें बनाई थीं। गर्मी के मौसम में वे मैदानी इलाकों की बजाय पहाड़ों में वक्त बिताना पसंद करते थे और माल रोड उन जगहों का केंद्र हुआ करता था।
ब्रिटिश काल में, माल रोड को इस तरह डिजाइन किया गया कि यह न केवल एक सामाजिक और प्रशासनिक केंद्र हो, बल्कि परिवारों के रहने, मनोरंजन और सुविधा के लिहाज से भी उपयुक्त हो। यही कारण है कि आज भी इन सड़कों पर चलते हुए आप उस समय की झलक पा सकते हैं—चौड़ी सड़कें, पुराने चर्च, क्लॉक टावर, डाकघर और आकर्षक दुकानों की कतारें।
हिल स्टेशन की जान होती है माल रोड
माल रोड न सिर्फ इतिहास का प्रतीक है, बल्कि आज भी हिल स्टेशन की जान मानी जाती है। यह जगह एक टूरिस्ट हब होती है जहां बाजार, रेस्टोरेंट्स, कैफे और फूड स्टॉल्स की भरमार होती है। शाम के समय जब सूरज ढलता है और हल्की ठंडी हवा चलती है, तब माल रोड पर टहलना किसी थेरेपी से कम नहीं होता।
स्थानीय लोग भी इसी रोड पर अपने छोटे-मोटे कामों के लिए आते हैं—कहीं खरीदारी करनी हो, किसी से मिलना हो या बस मौसम का आनंद लेना हो। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए माल रोड एक परफेक्ट स्पॉट है।
सुविधाएं और केंद्रियता का प्रतीक
माल रोड सिर्फ एक वॉकिंग स्ट्रीट नहीं होती, बल्कि यह कई महत्वपूर्ण सुविधाओं का केंद्र भी होती है। जैसे कि डाकघर, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, छोटे अस्पताल, चर्च या अन्य धार्मिक स्थल, पुलिस स्टेशन इत्यादि। ये सुविधाएं इस बात की गवाही देती हैं कि यह रोड सिर्फ घूमने-फिरने की जगह नहीं, बल्कि एक समय पर पूरी प्लान्ड कम्युनिटी की रीढ़ होती थी।
ब्रिटिश अधिकारी और माल रोड
ब्रिटिश शासन के समय, माल रोड के एक ओर उन अधिकारियों के बंगले होते थे जो अपने परिवार के साथ यहां रहते थे। वहीं दूसरी ओर सैनिकों और सर्वेंट्स के रहने का इंतज़ाम किया जाता था। रोड के दोनों ओर का अंतर वर्गीय संरचना को भी दर्शाता था। ब्रिटिश अधिकारियों के लिए ये रोड न केवल एक सुविधाजनक मार्ग थी, बल्कि यह उनके जीवनशैली और सामरिक दृष्टिकोण का भी हिस्सा थी।
आज भले ही वहां ब्रिटिश अधिकारी नहीं रहते, लेकिन माल रोड का वह रूप, वह आभा अब भी लोगों को आकर्षित करती है।