यूपी विवाह योजना में अब ₹1 लाख मिलेंगे शादी के लिए! रजिस्ट्रेशन शुरू तुरंत करें अप्लाई

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, उत्तर प्रदेश सरकार की एक कल्याणकारी पहल है जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी को सम्मानपूर्वक संपन्न कराने के लिए ₹1,00,000 तक की सहायता राशि प्रदान करती है। 2024 में इसमें हुए संशोधन से योजना और अधिक प्रभावी बन गई है, जिससे हजारों परिवारों को सीधा लाभ मिल रहा है। आवेदन प्रक्रिया सरल और पूरी तरह ऑनलाइन है।

By Pankaj Singh
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यूपी विवाह योजना में अब ₹1 लाख मिलेंगे शादी के लिए! रजिस्ट्रेशन शुरू तुरंत करें अप्लाई
यूपी विवाह योजना

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एक कल्याणकारी योजना है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की बेटियों की शादी को गरिमामय और बोझ-मुक्त बनाना है। हाल ही में सरकार ने इसमें बड़ा बदलाव करते हुए सहायता राशि को ₹51,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दिया है। यह निर्णय उन हजारों परिवारों के लिए राहत का संदेश है जो सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों के बीच अपनी बेटियों की शादी को लेकर चिंतित रहते हैं।

योजना का उद्देश्य और सामाजिक महत्व

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का मूल उद्देश्य गरीब, असहाय और वंचित वर्गों की बेटियों को सम्मानपूर्वक विवाह का अवसर देना है। आर्थिक तंगी के कारण जिन माता-पिता के लिए विवाह एक बोझ बन जाता है, उनके लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है। इस पहल से समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बल मिलता है, साथ ही यह सामाजिक समावेशन और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है।

सहायता राशि का वितरण और लाभार्थियों को मिलने वाली सुविधाएं

2024 में संशोधित योजना के तहत ₹1,00,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसमें से ₹75,000 सीधे वधु के बैंक खाते में जमा होते हैं, ₹10,000 शादी से संबंधित जरूरी सामान जैसे कपड़े, बर्तन, उपहार आदि के लिए निर्धारित हैं, जबकि ₹15,000 सामूहिक विवाह के आयोजन में व्यय के रूप में दिए जाते हैं। यदि कोई व्यक्तिगत विवाह करता है और वह सामान्य जाति से है, तो ऐसी स्थिति में भी ₹20,000 की सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

कौन कर सकता है आवेदन और क्या हैं शर्तें?

योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलेगा जिनका स्थायी निवास उत्तर प्रदेश में है और वर-वधु दोनों की उम्र कानूनी मानकों के अनुरूप है—वधु की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और वर की 21 वर्ष होनी चाहिए। इसके साथ ही परिवार की वार्षिक आय सरकार द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर होनी चाहिए। आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र शामिल हैं।

आवेदन प्रक्रिया कैसे पूरी करें?

इस योजना में आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है। समाज कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना” वाले सेक्शन में आवेदन फॉर्म भरना होता है। दस्तावेजों की स्कैन कॉपी अपलोड करने के बाद उपलब्ध सामूहिक विवाह कार्यक्रमों की तिथियों में से एक तिथि का चयन करना होता है। दस्तावेजों की जांच के बाद पात्र उम्मीदवारों को मंजूरी दी जाती है, और विवाह के बाद सहायता राशि सीधे बैंक खाते में भेज दी जाती है।

सरकार द्वारा अनुदान राशि में बढ़ोतरी का कारण

महंगाई और विवाह के बढ़ते खर्च को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि को दोगुना कर दिया है। समाज में योजना के प्रति बढ़ते विश्वास और रुझान को देखते हुए यह निर्णय लिया गया, जिससे वास्तव में जरूरतमंद परिवारों को राहत मिल सके और उन्हें अपनी बेटियों की शादी के लिए कर्ज लेने या सामाजिक दबाव का सामना न करना पड़े।

2024 के आंकड़े क्या बताते हैं?

वर्ष 2024 में अब तक 932 सामूहिक विवाह इस योजना के तहत हो चुके हैं, जो 2023 की तुलना में अभी कम हैं। लेकिन जैसे-जैसे सहायता राशि में बढ़ोतरी की जानकारी अधिक लोगों तक पहुंच रही है, वैसे-वैसे इस योजना में भागीदारी बढ़ रही है। यह संकेत है कि लोगों का भरोसा दोबारा सरकार की इस पहल पर लौट रहा है और अगले कुछ महीनों में इसमें और बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है।

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Pankaj Singh

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