
आज के समय में सेविंग्स अकाउंट-Savings Account हर व्यक्ति की आर्थिक जरूरत बन चुका है। लोग इसे सिर्फ पैसे रखने का जरिया मानते हैं, लेकिन वास्तव में इसका दायरा काफी बड़ा है। सेविंग्स अकाउंट से न केवल पैसे सुरक्षित रखे जा सकते हैं, बल्कि कई वित्तीय सुविधाओं का भी लाभ उठाया जा सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं सेविंग्स अकाउंट से जुड़ी उन 10 जरूरी बातों को, जिन्हें जानना हर खाताधारक के लिए बेहद जरूरी है।
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पैसे सुरक्षित रखने का आसान तरीका
सेविंग्स अकाउंट-Savings Account का सबसे पहला और अहम काम है आपके पैसे को सुरक्षित रखना। घर में नकद पैसे रखने की तुलना में बैंक में पैसे रखना कहीं ज्यादा सुरक्षित है। बैंकिंग सिस्टम के चलते चोरी, गुम होने या नुकसान की आशंका न के बराबर हो जाती है। बैंक आपके पैसों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाता है और आप निश्चिंत रहते हैं।
आसानी से कर सकते हैं लेन-देन
सेविंग्स अकाउंट-Savings Account के माध्यम से आप बड़ी आसानी से पैसों का लेन-देन कर सकते हैं। ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई (UPI) और अन्य डिजिटल माध्यमों से किसी को भी पैसे भेजना या उनसे पैसे मंगवाना अब चुटकियों का काम हो गया है। आपको नकदी निकालने की जरूरत नहीं होती, जिससे समय और मेहनत दोनों की बचत होती है।
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बिल भुगतान भी संभव
आजकल हर तरह के बिल जैसे घर का किराया, बिजली-पानी का बिल, इंटरनेट या मोबाइल बिल आदि का भुगतान सीधे सेविंग्स अकाउंट से किया जा सकता है। नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड या यूपीआई (UPI) के जरिये आप घर बैठे ही अपने सभी बिल चुका सकते हैं। शॉपिंग के बाद भी भुगतान अब इसी खाते से डिजिटल तरीके से किया जाता है।
खर्चों को ट्रैक करना हो गया आसान
सेविंग्स अकाउंट-Savings Account के स्टेटमेंट की मदद से आप अपने आय और खर्चों का पूरा रिकॉर्ड रख सकते हैं। इससे यह जानना सरल हो जाता है कि किस तारीख को कितनी राशि आई या गई। इससे वित्तीय योजना बनाना और भविष्य के खर्चों का प्रबंधन करना आसान हो जाता है।
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न्यूनतम बैलेंस का ध्यान जरूरी
अधिकांश बैंक सेविंग्स अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस रखने की शर्त रखते हैं। अगर आपके खाते में न्यूनतम आवश्यक राशि नहीं रहती तो बैंक आपसे जुर्माना वसूल सकता है। यह न्यूनतम राशि अलग-अलग बैंकों में भिन्न हो सकती है और इसे समझना बेहद जरूरी है।
न्यूनतम बैलेंस की गणना का तरीका
न्यूनतम बैलेंस की गणना महीने के औसत बैलेंस के आधार पर होती है, न कि हर दिन के हिसाब से। उदाहरण के लिए, अगर बैंक न्यूनतम 10,000 रुपये रखने की शर्त रखता है और आप एक दिन के लिए खाते में 3 लाख रुपये रखते हैं, तो आपका औसत बैलेंस उस महीने के लिए पर्याप्त हो सकता है।
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सेविंग्स अकाउंट पर मिलता है ब्याज
सेविंग्स अकाउंट-Savings Account में जमा राशि पर आपको ब्याज भी मिलता है, जो आमतौर पर 3-4% सालाना होता है। हालांकि ब्याज की दर बहुत अधिक नहीं होती, लेकिन घर पर बिना ब्याज के पैसे रखने से बेहतर है कि आप बैंक में रखें और उस पर कुछ अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त करें।
एफडी-FD कराकर बढ़ा सकते हैं ब्याज
अगर आपके सेविंग्स अकाउंट में बड़ी राशि लंबे समय तक पड़ी रहने वाली है, तो उसे फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी-FD) में बदलकर अधिक ब्याज कमाया जा सकता है। हालांकि, एफडी को समय से पहले तोड़ने पर कुछ जुर्माना भरना पड़ सकता है, इसलिए एफडी करते वक्त अपनी आवश्यकताओं का आकलन जरूर करें।
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सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्सेबल
सेविंग्स अकाउंट-Savings Account से मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्स के दायरे में आता है। ब्याज आय को आपकी कुल आय में जोड़ा जाता है और उस पर आपके टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है। इसलिए बैंक से मिले ब्याज पर टैक्स चुकाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
सेक्शन 80TTA के तहत मिलती है 10 हजार रुपये तक की छूट
अगर सेविंग्स अकाउंट से एक वित्तीय वर्ष में 10 हजार रुपये तक ब्याज प्राप्त होता है, तो उस पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80TTA के तहत टैक्स में छूट मिलती है। अगर ब्याज 10 हजार से अधिक है तो अतिरिक्त राशि पर टैक्स देना होगा। इस नियम का लाभ उठाकर आप अपने टैक्स बोझ को थोड़ा कम कर सकते हैं।