
टेरिटोरियल आर्मी- Territorial Army भारतीय सेना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो एक पार्ट टाइम सैन्य सेवा है। यह युवाओं को देश की सेवा में योगदान देने का एक अवसर प्रदान करता है, जबकि वे अपनी रोजमर्रा की जॉब या व्यवसाय को भी जारी रख सकते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों को सेना में शामिल होने का एक और रास्ता देना है, ताकि वे आवश्यक समय पर देश की सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं में योगदान दे सकें।
क्या है टेरिटोरियल आर्मी?
टेरिटोरियल आर्मी एक स्वैच्छिक सेवा है, जो भारतीय सेना के संगठन का हिस्सा है। यह एक पार्ट टाइम जॉब के रूप में कार्य करती है, जहां हर साल दो महीने की अनिवार्य ट्रेनिंग होती है। यह सेवा आपको कोई पूर्णकालिक करियर नहीं देती, लेकिन जब आप सक्रिय सेवा में होते हैं तो आपको रेगुलर आर्मी के समान वेतन और भत्ते मिलते हैं। टेरिटोरियल आर्मी की स्थापना 1948 में की गई थी और यह अक्सर प्राकृतिक आपदाओं और संघर्ष की स्थिति में सक्रिय होती है। इस सेना के जवान नियमित सेना के साथ मिलकर काम करते हैं और राष्ट्रीय संकट के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती प्रक्रिया
टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती के लिए आम नागरिक और पूर्व सैन्य कर्मियों के लिए अलग-अलग चयन प्रक्रिया होती है। आम नागरिकों को लिखित परीक्षा और इंटरव्यू देना होता है, जबकि पूर्व सैन्य कर्मियों को इस प्रक्रिया से छूट प्राप्त होती है। भर्ती में सैनिक जीडी, सैनिक क्लर्क और सैनिक ट्रेड्समैन जैसे पदों के लिए आवेदन मंगाए जाते हैं।
वेतन और पेंशन
टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती होने के बाद, जो अफसर के तौर पर शामिल होते हैं, उन्हें लेफ्टिनेंट की रैंक मिलती है। इस रैंक के साथ उन्हें वेतन, मेडिकल सुविधाएं, डीए और अन्य भत्ते मिलते हैं। हालांकि, यह केवल उस समय तक होता है जब वे सक्रिय सेना में कार्यरत होते हैं। पेंशन के मामले में, यदि कोई कमिशंड रैंक पर 20 साल तक सेवा करता है, तो उसे पेंशन मिलती है। परंतु टेरिटोरियल आर्मी में इतनी लंबी सेवा मिलना काफी कठिन है, जिससे पेंशन मिलना मुश्किल होता है।
प्रमोशन और सुविधाएं
टेरिटोरियल आर्मी में प्रमोशन की भी व्यवस्था है। लेफ्टिनेंट से लेकर कैप्टन, मेजर और लेफ्टिनेंट कर्नल तक के पदों पर प्रमोशन होता है। कर्नल और ब्रिगेडियर के पद पर पदोन्नति चयन प्रक्रिया द्वारा होती है। इस सेना के सदस्य को सैन्य सेवा के दौरान कई सुविधाएं मिलती हैं, जैसे निशुल्क राशन, आर्मी कैंटीन की सुविधा, मेडिकल सेवाएं और विभिन्न प्रकार के पुरस्कार।
टेरिटोरियल आर्मी में ट्रेनिंग और अन्य प्रमुख बातें
टेरिटोरियल आर्मी में प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उम्मीदवारों को पहले छह महीने की प्री कमिशन ट्रेनिंग दी जाती है, जिसके बाद वे टीए में कमीशन प्राप्त करते हैं। इसके बाद, हर साल दो महीने की अनिवार्य ट्रेनिंग होती है। इसके अलावा, कुछ विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे ओटीए चेन्नई में तीन महीने की पोस्ट कमिशनिंग ट्रेनिंग भी होती है। महिलाओं को 2019 में इस सेवा में स्वीकार किया गया था, और अब सायबर वारफेयर जैसी नई तकनीकी भूमिका के लिए भी युवाओं को भर्ती किया जा रहा है।