SCSS vs FD: कौन स्कीम देती है ज्यादा फायदा? जानिए दोनों में फर्क और सही विकल्प

क्या आप भी SCSS और FD के बीच उलझे हुए हैं? जानिए दोनों योजनाओं के बीच का असली फर्क और किसमें मिलेगा आपको ज्यादा ब्याज और फायदा। इस आर्टिकल में हम बताएंगे कौन सी योजना है आपके लिए सही, जिससे मिलेगा अधिक रिटर्न और सुरक्षा।

By Pankaj Singh
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SCSS vs FD: कौन स्कीम देती है ज्यादा फायदा? जानिए दोनों में फर्क और सही विकल्प

भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन उनमें से वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) दो सबसे लोकप्रिय विकल्प हैं। ये दोनों योजनाएँ सुरक्षित निवेश हैं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए नियमित आय का स्रोत बन सकती हैं। लेकिन दोनों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं जिन्हें समझना जरूरी है, ताकि आप बेहतर निवेश निर्णय ले सकें।

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SCSS (वरिष्ठ नागरिक बचत योजना)

SCSS एक सरकारी योजना है जिसे खासतौर पर 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के नागरिकों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह योजना आपको 8.2% की ब्याज दर देती है, जो तिमाही आधार पर बढ़ती या घटती रहती है। इस योजना में न्यूनतम निवेश ₹1,000 और अधिकतम ₹30 लाख तक किया जा सकता है। इसके अलावा, SCSS पर आयकर छूट भी उपलब्ध है, जो आपको इस योजना में निवेश करने के बाद कर बचत का लाभ देती है।

इसमें ब्याज का भुगतान तिमाही रूप में किया जाता है, और यदि आप जल्द पैसा निकालना चाहते हैं तो जुर्माना लगता है। इसका प्रमुख फायदा यह है कि यह एक सुरक्षित सरकारी योजना है, जो वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक अच्छा निवेश विकल्प साबित होती है।

FD (फिक्स्ड डिपॉजिट)

FD भी एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, जिसमें आप अपनी राशि को बैंक में एक निश्चित अवधि के लिए जमा करते हैं और ब्याज प्राप्त करते हैं। FD की ब्याज दर बैंक के हिसाब से अलग होती है और वरिष्ठ नागरिकों को सामान्यतः 0.5% अधिक ब्याज मिलता है। FD की अवधि 7 दिन से लेकर 10 साल तक हो सकती है, जो निवेशक की आवश्यकताओं के अनुसार चुनी जाती है।

FD में आपको ब्याज भुगतान के लिए विभिन्न विकल्प मिलते हैं, जैसे मासिक, त्रैमासिक, या वार्षिक। हालांकि, FD पर मिलने वाली आयकर छूट केवल 5 वर्ष या उससे अधिक अवधि की FD पर मिलती है। समय से पहले FD निकालने पर जुर्माना भी लगता है, जो बैंक के नियमों के आधार पर बदलता है।

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SCSS और FD में अंतर

SCSS और FD दोनों ही सुरक्षित योजनाएँ हैं, लेकिन इनकी ब्याज दर, भुगतान अवधि, और निवेश अवधि में अंतर है। SCSS पर ब्याज दर 8.2% है, जबकि FD की ब्याज दर बैंक के हिसाब से 6% से 7% के बीच हो सकती है। SCSS का मुख्य लाभ यह है कि इसमें ब्याज तिमाही आधार पर मिलता है, जिससे आपको नियमित रूप से आय प्राप्त होती है, जबकि FD में यह आवृत्ति आपके द्वारा चुने गए विकल्प के अनुसार बदलती है।

अगर आप लचीलापन चाहते हैं तो FD आपके लिए बेहतर हो सकती है, क्योंकि इसमें आप अपनी पसंद के अनुसार निवेश अवधि चुन सकते हैं। वहीं, यदि आप नियमित आय चाहते हैं और आयकर छूट का लाभ उठाना चाहते हैं तो SCSS एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

सही निवेश विकल्प का चयन

यह चुनाव पूरी तरह से आपकी व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति और आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। अगर आप नियमित आय की तलाश में हैं और सुरक्षित निवेश चाहते हैं, तो SCSS आपके लिए उपयुक्त हो सकता है। वहीं, यदि आप लचीलापन पसंद करते हैं और निवेश की अवधि को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार तय करना चाहते हैं, तो FD आपके लिए बेहतर हो सकता है।

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Pankaj Singh

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