SBI Senior Citizens Scheme: रिटायरमेंट के बाद वरिष्ठ नागरिकों को स्थिर और सुरक्षित आय की आवश्यकता होती है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए Senior Citizens Saving Scheme (SCSS) पेश की है। यह योजना न केवल एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, बल्कि आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ भी देती है।
न्यूनतम निवेश से शुरू करें
एसबीआई सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SBI SCSS) में निवेश की शुरुआत मात्र ₹1000 से की जा सकती है। एक खाते में अधिकतम ₹30 लाख तक का निवेश किया जा सकता है। इस स्कीम के लिए आवेदक की आयु कम से कम 60 वर्ष होनी चाहिए। सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी 55-60 वर्ष और रक्षा कर्मचारी 50-60 वर्ष की उम्र में भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
ब्याज दर और इनकम की गणना
SCSS में निवेशकों को सरकार द्वारा तय की गई ब्याज दर का लाभ मिलता है, जो तिमाही आधार पर संशोधित की जा सकती है। वर्तमान में यह दर लगभग 8.2% है। यदि आप अधिकतम ₹30 लाख का निवेश करते हैं, तो इस पर हर महीने ₹20,050 का ब्याज मिलेगा। तिमाही आधार पर यह राशि ₹60,150 होगी। इस तरह 5 साल में केवल ब्याज से ₹12,03,000 की आय हो सकती है।
टैक्स से संबंधित जानकारी
अगर किसी वित्तीय वर्ष में SCSS खातों में अर्जित ब्याज ₹50,000 से अधिक हो जाता है, तो इस पर टैक्स देय होगा। हालांकि, 1.5 लाख रुपये तक की निवेश राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट मिलती है।
क्या जमा अवधि से पहले निकासी संभव है?
SCSS में 5 साल की लॉक-इन अवधि होती है, जिसे 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। अगर आप इस अवधि के बीच पैसे निकालना चाहते हैं, तो जुर्माना देना पड़ता है।
- 1 वर्ष के भीतर निकासी पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा।
- 1 से 2 वर्षों के बीच निकासी पर 1.5% का जुर्माना लगता है।
- 2 से 5 वर्षों के बीच निकासी पर 1% का जुर्माना काटा जाएगा।
एसबीआई सीनियर सिटीजन स्कीम के फायदे
- सुरक्षित और स्थिर निवेश विकल्प
- उच्च ब्याज दर
- टैक्स में छूट का लाभ
- समय-पूर्व निकासी का विकल्प
FAQs
Q: SCSS में न्यूनतम और अधिकतम निवेश कितना हो सकता है?
A: न्यूनतम निवेश ₹1000 और अधिकतम ₹30 लाख तक हो सकता है।
Q: क्या SCSS खाते की अवधि बढ़ाई जा सकती है?
A: हां, 5 साल की अवधि पूरी होने के बाद इसे 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
Q: क्या ब्याज पर टैक्स देना होगा?
A: यदि ब्याज ₹50,000 से अधिक है, तो इस पर टैक्स देय होगा।