सोना घर पर नहीं बैंक में रखें! जानिए SBI Gold Banking स्कीम के बेहतरीन ऑप्शंस!

सोना सिर्फ पहनने के लिए नहीं, अब कमाई का साधन भी! SBI की Gold Deposit Scheme में करें निवेश और सुरक्षित करें भविष्य। जानिए पूरी प्रक्रिया, ब्याज दरें और किन दस्तावेजों से मिनटों में खुल सकता है अकाउंट!

By Pankaj Singh
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अगर आपके पास घर में बिना उपयोग का सोना पड़ा है और आप चाहते हैं कि वह सुरक्षित रहे और उस पर आपको अतिरिक्त कमाई भी हो, तो भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की गोल्ड डिपॉजिट स्कीम (Gold Deposit Scheme) एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। SBI की Revamped Gold Deposit Scheme (R-GDS) के तहत आप अपना सोना बैंक में जमा कर सकते हैं और उस पर सालाना ब्याज भी कमा सकते हैं। आइए विस्तार से जानें इस योजना के शानदार ऑप्शंस के बारे में।

SBI Revamped Gold Deposit Scheme (R-GDS) क्या है?

SBI की Revamped Gold Deposit Scheme (R-GDS) सोने के सदुपयोग को बढ़ावा देने और देश की सोने पर निर्भरता को कम करने की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के अंतर्गत आप अपने घर में पड़े सोने को बैंक में सुरक्षित रख सकते हैं और उस पर आकर्षक ब्याज दरें प्राप्त कर सकते हैं। मार्च 2025 में सरकार ने इसके मध्यम और दीर्घकालिक जमा विकल्प बंद कर दिए हैं, लेकिन अल्पकालिक जमा (Short-Term Bank Deposit-STBD) के विकल्प अभी भी चालू हैं, जो ग्राहकों के लिए बेहतरीन अवसर प्रस्तुत करते हैं।

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जमा विकल्प और ब्याज दरों की जानकारी

वर्तमान समय में SBI केवल अल्पकालिक जमा (STBD) की सुविधा दे रहा है। इसमें 1 वर्ष के लिए 0.50% वार्षिक ब्याज, 1 से 2 वर्ष के लिए 0.55% और 2 से 3 वर्ष के लिए 0.60% का ब्याज दिया जाता है। ब्याज का भुगतान भारतीय रुपये में किया जाता है और ग्राहक इसे वार्षिक रूप से या परिपक्वता (Maturity) पर एकमुश्त प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना में न केवल आपका सोना सुरक्षित रहता है, बल्कि उस पर नियमित कमाई भी होती है, जिससे यह एक लाभकारी निवेश विकल्प बन जाता है।

न्यूनतम और अधिकतम जमा सीमा का विवरण

SBI की इस स्कीम के तहत न्यूनतम 10 ग्राम सोना (995 शुद्धता वाला) जमा करना आवश्यक है। अधिकतम जमा सीमा पर कोई प्रतिबंध नहीं है, यानी आप जितना चाहें सोना जमा कर सकते हैं। सोना बार, सिक्कों या गहनों (जिनमें कोई पत्थर या अन्य धातु न हो) के रूप में जमा किया जा सकता है। इससे आप अपने पुराने आभूषणों का भी बेहतर उपयोग कर सकते हैं जो घर में यूं ही पड़े रहते हैं।

परिपक्वता पर भुगतान के विकल्प

SBI की R-GDS स्कीम में परिपक्वता पर ग्राहकों के पास दो विकल्प होते हैं। वे चाहे तो अपना सोना वापस सोने के रूप में प्राप्त कर सकते हैं या फिर सोने के उस समय के मूल्य के अनुसार भारतीय रुपये में भुगतान ले सकते हैं। यदि ग्राहक सोने के रूप में वापसी चाहता है, तो 0.5% का प्रशासनिक शुल्क (Administrative Charge) लिया जाता है। यह सुविधा निवेशकों को उनकी जरूरत और सुविधा के अनुसार विकल्प चुनने की पूरी आजादी देती है।

समय से पहले निकासी से जुड़े नियम

SBI Gold Banking स्कीम के तहत एक वर्ष की लॉक-इन अवधि के बाद समय से पहले निकासी की अनुमति दी गई है। हालांकि, समय से पहले निकासी करने पर दंडात्मक ब्याज दर (Penalty Interest Rate) लागू हो सकती है। इसलिए बेहतर यही है कि आप निवेश से पहले अपने लक्ष्य और समयावधि का स्पष्ट निर्धारण करें ताकि बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके।

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पात्रता की पूरी जानकारी

SBI की R-GDS स्कीम में भारतीय निवासी व्यक्तिगत रूप से या संयुक्त खाते के रूप में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), ट्रस्ट (Trust), एकल स्वामित्व फर्म, साझेदारी फर्म, धार्मिक संस्थाएं, कंपनियां और केंद्र या राज्य सरकार की इकाइयाँ भी इस योजना में निवेश कर सकती हैं। इस विस्तृत पात्रता श्रेणी के कारण लगभग हर वर्ग का निवेशक इस योजना का लाभ उठा सकता है।

आवेदन प्रक्रिया

अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको निकटतम SBI शाखा में जाकर आवेदन करना होगा। आपको पहचान प्रमाण, पता प्रमाण, सोने की इन्वेंटरी फॉर्म और आवेदन पत्र जमा करना होता है। सोने की शुद्धता की जांच के बाद उसे 995 शुद्धता में परिवर्तित किया जाता है और इसके बाद आपको Gold Deposit Certificate जारी किया जाता है, जिसमें जमा की गई सोने की मात्रा और शुद्धता का विवरण होता है। यह पूरा प्रोसेस पारदर्शी और सरल बनाया गया है ताकि निवेशक को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

FAQs

प्रश्न: क्या मैं गहनों को भी जमा कर सकता हूं?
उत्तर: हां, गहनों को जमा किया जा सकता है, बशर्ते उनमें पत्थर या अन्य धातु न लगी हो।

प्रश्न: इस स्कीम पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होगा?
उत्तर: हां, आयकर अधिनियम 1961 के तहत इस योजना पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देय है।

प्रश्न: क्या समय से पहले निकासी संभव है?
उत्तर: जी हां, एक वर्ष की लॉक-इन अवधि के बाद समय से पहले निकासी की जा सकती है, लेकिन उस पर पेनल्टी ब्याज दर लागू हो सकती है।

प्रश्न: परिपक्वता पर भुगतान कैसे मिलेगा?
उत्तर: ग्राहक अपनी पसंद के अनुसार या तो सोने के रूप में या फिर भारतीय रुपये में भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।

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Pankaj Singh

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