
डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल के बाद नेट बैंकिंग का उपयोग जिस तेजी से बढ़ा है, उसी रफ्तार से साइबर धोखाधड़ी के मामले भी सामने आए हैं। इसी संदर्भ में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए बैंकों को निर्देश दिया है कि वे अपनी मौजूदा नेट बैंकिंग वेबसाइट्स को नए ‘.bank.in’ डोमेन पर स्थानांतरित करें। इस परिवर्तन का उद्देश्य केवल तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि डिजिटल बैंकिंग को ज्यादा सुरक्षित और यूजर्स के लिए भरोसेमंद बनाना है।
डिजिटल सुरक्षा के लिए क्यों ज़रूरी है ‘.bank.in’ डोमेन
नेट बैंकिंग की लोकप्रियता के साथ ही फिशिंग अटैक और फर्जी वेबसाइट्स का खतरा भी बढ़ा है। आरबीआई का यह निर्णय 7 फरवरी 2025 को लिया गया था, जिसमें बैंकों को अक्टूबर 2025 तक अपनी वेबसाइट्स को ‘.bank.in’ डोमेन पर शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया। इस नए डोमेन का मुख्य उद्देश्य यूजर्स को यह सुनिश्चित कराना है कि वे किसी असली बैंक की वेबसाइट पर ही ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। ‘.bank.in’ एक सुरक्षित और विशेष रूप से बैंकिंग संस्थानों के लिए निर्धारित डोमेन है, जो सामान्य डोमेन से कहीं अधिक नियंत्रण और प्रमाणिकता प्रदान करता है।
बैंकों के लिए अगला कदम क्या होगा?
इस प्रक्रिया को आसान और सुव्यवस्थित बनाने की जिम्मेदारी इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी (IDRBT) को दी गई है। नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NIXI) ने IDRBT को ‘.bank.in’ डोमेन का अधिकृत रजिस्ट्रार नियुक्त किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की निगरानी में, यह संस्था बैंकों को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करेगी ताकि वे सुरक्षित रूप से नए डोमेन पर शिफ्ट हो सकें।
इस परिवर्तन का आम यूजर्स पर क्या प्रभाव होगा?
डिजिटल बैंकिंग करने वालों के लिए यह एक महत्वपूर्ण राहत है। अब वे आसानी से यह पहचान सकेंगे कि वेबसाइट असली बैंक की है या नहीं। ‘.bank.in’ डोमेन के चलते फर्जी वेबसाइट्स की पहचान आसान हो जाएगी और लोग पहले से कहीं ज्यादा आत्मविश्वास के साथ नेट बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट कर पाएंगे। इससे साइबर फ्रॉड की घटनाओं में कमी आएगी और एक सुरक्षित डिजिटल इकोसिस्टम को बढ़ावा मिलेगा।
क्या है आगे की योजना?
RBI की योजना यहीं तक सीमित नहीं है। ‘.bank.in’ डोमेन की सफलता के बाद फाइनेंशियल सेक्टर के लिए एक और सुरक्षित डोमेन ‘.fin.in’ भी लॉन्च किया जाएगा, जिससे वित्तीय सेवाओं की पूरी प्रणाली को साइबर फ्रॉड से बचाया जा सके। यह डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और अहम कदम होगा