Post Office Scheme: आज के समय में हर निवेशक सुरक्षित और लाभकारी विकल्प की तलाश करता है। इसी कड़ी में पोस्ट ऑफिस की पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम (Post Office PPF 2024) एक भरोसेमंद और आकर्षक योजना है। यह स्कीम न केवल सुरक्षित है, बल्कि गारंटीड रिटर्न के साथ आयकर में भी छूट प्रदान करती है। यदि आप दीर्घकालिक लाभ के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह योजना आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
वर्तमान में मिल रही ब्याज दर
Post Office PPF 2024 स्कीम के तहत वर्तमान में 7.1% सालाना ब्याज दर उपलब्ध है। यह दर बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से अधिक है, जिससे यह स्कीम निवेशकों के लिए और भी आकर्षक बन जाती है। सरकार समय-समय पर ब्याज दर में बदलाव कर सकती है, लेकिन आमतौर पर पीपीएफ में ब्याज दर स्थिर और लाभकारी रहती है।
केवल ₹500 से शुरू करें निवेश
इस स्कीम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे आप सिर्फ ₹500 से शुरू कर सकते हैं। एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम ₹1.5 लाख तक का निवेश किया जा सकता है। यह सुविधा उन निवेशकों के लिए आदर्श है, जो छोटे लेकिन नियमित निवेश करना चाहते हैं। आप एक बार में या 12 किस्तों में पैसा जमा कर सकते हैं, जिससे यह योजना बेहद लचीली बन जाती है।
मैच्योरिटी पर मिलते हैं बेहतरीन लाभ
इस स्कीम की मैच्योरिटी अवधि 15 साल है। इसके बाद आप इसे 5 साल के लिए और बढ़ा सकते हैं। यदि आप रोजाना अपने खाते में ₹100 जमा करते हैं, तो एक साल में आपका कुल निवेश ₹36,000 होगा। इसी तरह 15 वर्षों तक निवेश करने पर कुल निवेश ₹5,47,500 तक पहुंच जाएगा।
इस पर 7.1% की ब्याज दर के हिसाब से मैच्योरिटी पर आपको कुल ₹9,89,931 मिलेंगे, जिसमें से ₹4,42,431 ब्याज के रूप में होंगे। यदि आप अधिक निवेश करेंगे, तो रिटर्न भी उसी अनुपात में बढ़ेगा।
योजना के अन्य फायदे
- आयकर में छूट: पीपीएफ खाते में किए गए निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है।
- सुरक्षा और गारंटी: केंद्र सरकार द्वारा समर्थित होने के कारण यह स्कीम पूरी तरह से सुरक्षित है।
- लचीलापन: आप जरूरत पड़ने पर खाते से लोन भी ले सकते हैं।
FAQs
Q1: क्या NRI इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं?
नहीं, यह योजना केवल भारतीय नागरिकों के लिए है।
Q2: क्या मैच्योरिटी से पहले पैसा निकाला जा सकता है?
हां, कुछ विशेष परिस्थितियों में 5वें वित्तीय वर्ष के बाद आंशिक निकासी की अनुमति है।
Q3: क्या मैं 1.5 लाख से अधिक निवेश कर सकता हूं?
नहीं, एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम ₹1.5 लाख तक का ही निवेश किया जा सकता है।