पोस्ट ऑफिस आरडी में मैच्योरिटी के बाद क्या विकल्प होते हैं?

पोस्ट ऑफिस आरडी मैच्योर होने के बाद आप चाहें तो लोन लें, खाता बढ़ाएं या तुरंत निकालें मोटी रकम! जानिए किन शर्तों पर मिलेगा अधिक ब्याज और कहां हो सकती है चूक, जिससे बचना जरूरी है।

By Pankaj Singh
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पोस्ट ऑफिस आरडी में मैच्योरिटी के बाद क्या विकल्प होते हैं?

पोस्ट ऑफिस आरडी-Post Office RD एक सुरक्षित और लोकप्रिय निवेश साधन है, जिसकी अवधि 5 वर्ष होती है। जब यह योजना मैच्योर होती है, तब निवेशकों के सामने कई विकल्प होते हैं, जिनका चुनाव उनकी वित्तीय योजना, जरूरत और रिटर्न की अपेक्षाओं पर निर्भर करता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि मैच्योरिटी के बाद कौन-कौन से विकल्प आपके सामने होते हैं और किस विकल्प का चयन आपके लिए सबसे फायदेमंद रहेगा।

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मैच्योरिटी पर राशि निकालने का विकल्प

सबसे सामान्य और प्राथमिक विकल्प यही होता है कि मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी राशि को निकाल लिया जाए। इस राशि में मूलधन और उस पर अर्जित ब्याज दोनों शामिल होते हैं। पोस्ट ऑफिस द्वारा निर्धारित ब्याज दर के अनुसार, 5 वर्षों की अवधि में यह राशि एक अच्छा रिटर्न देती है। निकासी की प्रक्रिया बेहद सरल है और आप इसे अपने सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर करवा सकते हैं या नकद/चेक के रूप में प्राप्त कर सकते हैं।

आरडी खाते को आगे बढ़ाने (Extend) का विकल्प

यदि निवेशक को तत्काल धन की आवश्यकता नहीं है, तो वे अपने आरडी खाते को 5 वर्षों के लिए और बढ़ा सकते हैं। यह सुविधा एक बार के लिए ही उपलब्ध होती है। खास बात यह है कि इस दौरान ब्याज दर वही बनी रहती है, जो खाता खोलते समय लागू थी। अगर आपकी आरडी 7% की दर पर शुरू हुई थी, तो एक्सटेंशन के दौरान भी वही ब्याज मिलेगा, भले ही मौजूदा दर घटकर 6.5% क्यों न हो गई हो।

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लोन सुविधा का लाभ उठाएं

पोस्ट ऑफिस आरडी पर एक और अहम विकल्प है – लोन की सुविधा। यदि आपने 12 लगातार किस्तें जमा कर दी हैं, तो आप कुल जमा राशि का 50% तक लोन ले सकते हैं। यह सुविधा मैच्योरिटी से पहले भी मिलती है, और मैच्योरिटी पर लोन का भुगतान करके शेष राशि का उपयोग किया जा सकता है। यह विकल्प उन निवेशकों के लिए उपयोगी होता है जिन्हें तत्काल कैश की जरूरत होती है लेकिन वे आरडी तोड़ना नहीं चाहते।

मैच्योर राशि का पुनर्निवेश

जो निवेशक अपनी राशि को बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए मैच्योरिटी की राशि को पोस्ट ऑफिस की अन्य योजनाओं में लगाना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, टाइम डिपॉजिट (TD), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), किसान विकास पत्र (KVP) या पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में पुनर्निवेश करके वे अधिक रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इन योजनाओं में लंबी अवधि की बचत और टैक्स बचत दोनों का लाभ मिलता है, जिससे निवेश का मूल्य और बढ़ता है।

टैक्सेशन और ब्याज पर नजर रखना जरूरी

हालांकि पोस्ट ऑफिस आरडी एक सुरक्षित निवेश साधन है, लेकिन उस पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल होता है। यदि ब्याज ₹40,000 (सीनियर सिटीजन के लिए ₹50,000) से अधिक है, तो 10% TDS काटा जाता है। साथ ही, आरडी पर धारा 80C के तहत कोई टैक्स छूट नहीं मिलती। इसलिए मैच्योरिटी के समय इस टैक्स प्रभाव का भी ध्यान रखना जरूरी होता है ताकि अंतिम राशि में कोई भ्रम न हो।

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