
उत्तर प्रदेश में Farmer Registry को लेकर सरकार द्वारा एक बार फिर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यह रजिस्ट्री उन सभी किसान भाइयों के लिए अनिवार्य है जो PM Kisan Samman Nidhi Yojana, किसान क्रेडिट कार्ड-KCC, फसल बीमा योजना, और अन्य कृषि आधारित सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं। इसके लिए किसानों को अपने आधार कार्ड, भूमि की खतौनी, और आधार से लिंक मोबाइल नंबर के साथ अपने गांव में लगने वाले कैंप या जन सुविधा केंद्र-CSC पर जाकर रजिस्ट्री करानी होगी।
सरकार ने 30 अप्रैल तक ग्राम पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर रजिस्ट्री का कार्य पूर्ण कराने का निर्देश दिया है। इस प्रक्रिया के पीछे मकसद यह है कि किसानों को योजनाओं का त्वरित और पारदर्शी लाभ मिले, जिससे वे आधुनिक कृषि साधनों तक पहुंच बना सकें और खेती को लाभकारी बना सकें।
एग्रीस्टैक परियोजना और डिजिटल रजिस्ट्री की महत्ता
कृषि मंत्रालय द्वारा संचालित एग्रीस्टैक परियोजना के तहत बनाई जा रही यह डिजिटल फार्मर रजिस्ट्री किसानों की भूमि से जुड़ी समस्त जानकारी को एक सुरक्षित डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एकत्र करती है। आधार से सहमति मिलने के बाद यह रजिस्ट्री सरकार को सीधे किसान के खाते में लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया को सरल बना देती है।
अगर कोई किसान इस रजिस्ट्री से वंचित रहता है तो उसे PM Kisan 20th Installment जैसी महत्वपूर्ण राशि से हाथ धोना पड़ सकता है। इसलिए सभी किसानों को सलाह दी जाती है कि वे समय रहते इस प्रक्रिया को पूरा करें।
फार्मर रजिस्ट्री के लाभ
फार्मर रजिस्ट्री से जुड़े अनेक लाभ हैं जो सीधे किसान की आय और सुविधा को प्रभावित करते हैं। सबसे पहला फायदा है PM Kisan Samman Nidhi Yojana के अंतर्गत दी जाने वाली आर्थिक सहायता। साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड-KCC के माध्यम से सस्ते दरों पर फसली ऋण प्राप्त करने में आसानी होती है।
इसके अलावा, किसान फसल बीमा योजना, आपदा राहत क्षतिपूर्ति, और न्यूनतम समर्थन मूल्य-MSP पर अपनी उपज बेचने के लिए सीधे पंजीकृत हो सकते हैं। इससे न केवल सरकारी योजनाओं तक किसानों की सीधी पहुंच बनती है बल्कि प्रशासन को लाभार्थी की बार-बार जांच की आवश्यकता भी नहीं पड़ती।
कैसे कराएं फार्मर रजिस्ट्री
फार्मर रजिस्ट्री कराने के लिए किसान https://uptr.agristack.gov.in पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा UP कृषि ऐप, जन सुविधा केंद्र, और गांव में लगने वाले कृषि एवं पंचायत विभाग के कैंप में जाकर भी यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
इस रजिस्ट्री के लिए किसान को केवल तीन दस्तावेज साथ रखने होंगे—आधार कार्ड, भूमि की खतौनी, और आधार लिंक मोबाइल नंबर। प्रक्रिया सरल है और इसमें कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।