
गाजियाबाद नगर निगम ने वित्त वर्ष 2024 से एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अब पुरानी संपत्तियों पर भी डीएम सर्किल रेट का डेढ़ गुना गृहकर-House Tax वसूला जाएगा। यह कदम पहले से लागू नई संपत्तियों पर बढ़े टैक्स के समानांतर उठाया गया है। इस नीति का सीधा असर शहर के साढ़े चार लाख से अधिक संपत्ति मालिकों पर पड़ेगा, जो पहले इस दर से कर से मुक्त थे।
आईपीओ-IPO या इनकम टैक्स नहीं, अब गृहकर बना आम आदमी की चिंता
गाजियाबाद शहर में लगभग छह लाख करदाता हैं, जिनमें से साढ़े चार लाख संपत्तियां पुरानी हैं और डेढ़ लाख नई। नई संपत्तियों पर पहले ही बढ़ा हुआ टैक्स लागू किया जा चुका है, लेकिन पुरानी संपत्तियों को इस व्यवस्था से बाहर रखा गया था। नगर निगम ने पहले भी इस प्रस्ताव को सदन में रखा था, लेकिन दो बार यह पारित नहीं हो सका। अंततः यह प्रस्ताव शासन के पास भेजा गया, जिसके जवाब में नगर विकास अनुभाग-9 के अनु सचिव मोहम्मद वासिफ ने स्पष्ट किया कि नगर आयुक्त अपने स्तर पर सर्किल रेट के अनुसार कर निर्धारण कर सकते हैं।
नगर आयुक्त को मिला अधिकार, हर दो साल में कर सकेंगे रिविजन
जवाब के अनुसार नगर आयुक्त को यह अधिकार है कि वे हर दो वर्षों में एक बार भवन या भूमि की अवस्थिति, डीएम द्वारा तय सर्किल रेट और उस क्षेत्र में मौजूद किराया दरों के आधार पर गृहकर निर्धारित कर सकते हैं। इसी के तहत निगम ने तय किया है कि अब पुरानी संपत्तियों पर भी वही नियम लागू होंगे जो नई संपत्तियों पर हैं।
बिल इसी महीने से होंगे जारी, छूट और ब्याज का भी निर्धारण
निगम ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के बढ़े हुए गृहकर बिल इसी महीने से जारी कर दिए जाएंगे। करदाताओं को जुलाई तक बिल जमा करने पर 20 फीसदी की छूट दी जाएगी। इसके बाद अगर भुगतान होता है तो 10% और फिर 5% की छूट क्रमशः दी जाएगी। यदि किसी ने 31 मार्च 2026 तक भी बिल जमा नहीं किया, तो उस पर 12% वार्षिक ब्याज लगाया जाएगा।
गृहकर का निर्धारण कैसे होगा?
गृहकर की गणना भवन के क्षेत्रफल को 12 से गुणा करके की जाएगी, फिर भवन जिस सड़क पर स्थित है उसकी चौड़ाई के आधार पर तय दर से गुणा होगा। इससे वार्षिक मूल्यांकन तैयार होगा। इस मूल्यांकन का 10 फीसदी हिस्सा संपत्ति कर, 10 फीसदी जलकर और 4 फीसदी सीवर व ड्रेनेज टैक्स के रूप में लागू होगा।
कुछ क्षेत्रों में टैक्स कम भी हो सकता है
नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने स्पष्ट किया कि 9 जनवरी 2024 को इस प्रस्ताव का प्रकाशन हुआ था, लेकिन उस समय यह पास नहीं हो सका था। बाद में 7 मार्च को यह प्रस्ताव सदन में पारित हो गया, और मिनट्स में दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि “पुरानी संपत्तियों पर सड़क की चौड़ाई के अनुसार टैक्स लगेगा, जिससे कुछ क्षेत्रों में गृहकर कम भी हो सकता है।”