
नई दिल्ली – केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर आम जनता के लिए राहतभरी घोषणा की है। उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही एक नया टोल सिस्टम लागू करने जा रही है, जिससे यात्रियों को टोल टैक्स-Toll Tax में भारी राहत मिलेगी। यह घोषणा उन्होंने हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की। गडकरी ने कहा कि यह नीति अगले 8-10 दिनों में सार्वजनिक की जा सकती है और इसका मकसद है आम आदमी पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करना।
टोल टैक्स का बोझ होगा हल्का
नया टोल सिस्टम लागू होने के बाद यात्रा करने वालों के लिए यह बड़ी राहत साबित हो सकती है। नितिन गडकरी ने कार्यक्रम में भरोसा दिलाया कि यह नई प्रणाली यात्रियों के लिए ज्यादा यूजर-फ्रेंडली होगी और इसका असर सीधे उनकी जेब पर दिखाई देगा। इस योजना का उद्देश्य केवल टोल वसूली को आसान बनाना नहीं, बल्कि देश के सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देना भी है। यह प्रणाली तकनीकी रूप से अधिक उन्नत होगी और पारदर्शिता को बढ़ावा देगी।
GNSS तकनीक से सैटेलाइट आधारित टोल वसूली
इस नई प्रणाली की सबसे खास बात है इसका सैटेलाइट आधारित टोल सिस्टम, जिसे GNSS (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) तकनीक पर आधारित किया गया है। इसमें गाड़ियों में एक विशेष डिवाइस फिट किया जाएगा, जो ट्रैक करेगा कि गाड़ी कितनी दूरी तय कर रही है। उसी दूरी के आधार पर टोल शुल्क वसूला जाएगा। इसका मतलब है – “जितना सफर, उतना भुगतान”, यानी अनावश्यक टोल शुल्क की समस्या से मुक्ति।
इस तकनीक से टोल प्लाजा की भूमिका धीरे-धीरे समाप्त हो सकती है, जिससे ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से भी निजात मिलेगी। यह प्रणाली इसरो-ISRO की तकनीकी मदद से विकसित की जा रही है और इसके संचालन की जिम्मेदारी NHAI को दी गई है।
लोकल यात्रियों को मिलेगा टोल फ्री लाभ
GNSS आधारित टोल प्रणाली में एक बड़ी राहत यह भी है कि जो लोग रोज कम दूरी की यात्रा करते हैं, जैसे गांव से शहर या ऑफिस आने-जाने वाले कर्मचारी, उन्हें पहले 20 किलोमीटर तक टोल फ्री यात्रा की सुविधा मिलेगी। यह स्थानीय यात्रियों के लिए बेहद राहतभरा कदम साबित होगा और इससे उनकी मासिक यात्रा लागत में अच्छी खासी बचत होगी।
सरकार की ग्रीन इकोनॉमी की दिशा में पहल
टोल सिस्टम में यह बदलाव केवल राजस्व या सुविधा तक सीमित नहीं है। नितिन गडकरी ने इसे भारत की ग्रीन इकोनॉमी-Green Economy की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने हाल ही में एक प्रस्ताव दिया है जिसमें हाइब्रिड गाड़ियों पर जीएसटी को घटाकर 5% और फ्लेक्स इंजन वाली गाड़ियों पर 12% करने की बात कही गई है। इससे देश में पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता घटेगी और लगभग 36 करोड़ पारंपरिक वाहनों को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
टोल से सरकार को बढ़ी कमाई
पिछले कुछ वर्षों में भारत के टोल कलेक्शन में भारी इजाफा हुआ है। 2023-24 में यह बढ़कर ₹64,809.86 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35% अधिक है। वहीं 2019-20 में यह आंकड़ा ₹27,503 करोड़ था। सरकार चाहती है कि इस बढ़ती कमाई का सही इस्तेमाल करके बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाए, लेकिन साथ ही यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।