
नोएडा प्राधिकरण अब दादरी-नोएडा-गाजियाबाद विशेष निवेश क्षेत्र (DNGIR) की 209.11 वर्ग किमी जमीन पर नया नोएडा बसाने की तैयारी में है। इस योजना में करीब 80 गांवों की जमीन को शामिल किया गया है, जिसमें पहले चरण में 15 गांवों की करीब 3165 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। इस कदम से लगभग 16 हजार किसान परिवारों की जिंदगी पूरी तरह से बदलने वाली है। इनकी जमीनों पर नए शहर की नींव रखी जाएगी, जिसमें पार्क, स्कूल, कॉलेज, रिहायशी इलाके, और वाणिज्यिक केंद्र विकसित किए जाएंगे। इसके साथ ही यहां लाखों लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
DNGIR ज़ोन में होगा नया नोएडा का विकास
नया नोएडा, नोएडा प्राधिकरण के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में से एक है, जिसे दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (DNGIR) के नाम से जाना जा रहा है। यह क्षेत्र कुल 209.11 वर्ग किमी यानी करीब 20911.29 हेक्टेयर में फैला होगा। इस पूरे क्षेत्र को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं से लैस करके एक नया शहर बसाया जाएगा।
ड्रोन सर्वे से होगी अवैध निर्माण की पहचान
प्राधिकरण इस योजना की शुरुआत एक ड्रोन सर्वे से करने जा रहा है, जिसमें बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर के 80 गांवों की जमीनों को चिह्नित किया जाएगा। इसके लिए चयनित कंपनी को 10 दिन में पीपीटी (प्रेजेंटेशन) तैयार करनी है, जिसे नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इस प्रेजेंटेशन के जरिए यह बताया जाएगा कि सर्वे में किन बिंदुओं को शामिल किया गया है और इसका उद्देश्य क्या है।
सेटेलाइट मैप से होगा डेटा का मिलान
ड्रोन सर्वे के बाद जो डेटा एकत्र होगा, उसका मिलान अक्टूबर 2024 की सेटेलाइट इमेजेस से किया जाएगा। इससे उन इलाकों की पहचान हो सकेगी जहां पर अवैध निर्माण किया गया है। प्राधिकरण इन मामलों में कार्रवाई करते हुए संबंधित लोगों को नोटिस जारी करेगा और निर्माण को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सतीश पाल ने जानकारी दी कि अक्टूबर 2024 के बाद डीएनजीआइआर क्षेत्र में बिना अनुमति के किसी भी तरह का निर्माण अवैध माना जाएगा। यह तय करने के लिए प्राधिकरण के पास सेटेलाइट चित्रों का रिकार्ड भी मौजूद है।
15 गांवों से शुरू होगा भूमि अधिग्रहण
इस महत्वाकांक्षी योजना का पहला चरण 15 गांवों की भूमि अधिग्रहण से शुरू होगा, जिसमें किसानों से आपसी सहमति के आधार पर जमीन ली जाएगी। अधिकारी सतीश पाल ने बताया कि इन गांवों में मुआवजा दर का निर्धारण जल्द ही किया जाएगा। लगभग 3165 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत कर प्रोजेक्ट की नींव रखी जाएगी।
प्राधिकरण का अनुमान है कि प्रत्येक गांव में लगभग 200 किसान परिवार हैं, यानी पहले चरण में करीब 16,000 किसान परिवार इस योजना का हिस्सा बनेंगे। इन सभी के साथ व्यक्तिगत रूप से बैठकें की जाएंगी ताकि पारदर्शिता और सहमति सुनिश्चित की जा सके।
मई में शुरू होगा सर्वेक्षण कार्य
ड्रोन सर्वेक्षण की प्रक्रिया अप्रैल के तीसरे सप्ताह में बैठक के बाद शुरू की जाएगी। चयनित कंपनी 10 दिनों में पीपीटी तैयार कर प्राधिकरण को सौंपेगी। फिर मई महीने में सर्वे का काम शुरू किया जाएगा, जो लगभग 10 से 15 दिनों के भीतर पूरा हो जाएगा। सर्वे में जिन बिंदुओं को शामिल किया गया है, उनका मूल्यांकन कर आगे की कार्रवाई होगी।
किसानों और निवेशकों दोनों को मिलेगा लाभ
यह प्रोजेक्ट न केवल किसानों को आर्थिक लाभ देगा, बल्कि देशभर के निवेशकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। जो किसान अपनी जमीन देंगे, उन्हें उचित मुआवजा और पुनर्वास मिलेगा, वहीं यहां विकसित होने वाली सुविधाएं लाखों लोगों के लिए नौकरी के नए अवसर लेकर आएंगी।
नोएडा को मिलेगी एक नई पहचान
नया नोएडा भविष्य में देश के सबसे उन्नत और व्यवस्थित शहरों में शामिल हो सकता है। प्राधिकरण की योजना है कि इसमें Green Zones, स्मार्ट रोड्स, Renewable Energy आधारित बिजली सप्लाई, आधुनिक स्कूल-कॉलेज, और मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स विकसित किए जाएं। इसके साथ ही इंडस्ट्रियल और रेजिडेंशियल ज़ोन को अलग-अलग ज़ोनिंग के तहत बसाया जाएगा।