
मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है। राज्य सरकार जल्द ही महंगाई भत्ता (DA) में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है। फिलहाल प्रदेश के कर्मचारियों को 50 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। हाल ही में अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के लिए 1 जनवरी 2025 से महंगाई भत्ता 53 प्रतिशत से बढ़ाकर 55 प्रतिशत कर दिया गया है। इस निर्णय के बाद अब अन्य कर्मचारियों की भी उम्मीदें जाग गई हैं, जो लंबे समय से केंद्र सरकार के समान DA पाने की मांग कर रहे हैं।
महंगाई भत्ता बढ़ाने की तैयारियां अंतिम चरण में
मीडिया सूत्रों के अनुसार, वित्त विभाग ने महंगाई भत्ता बढ़ाने की पूरी तैयारी कर ली है। अब सिर्फ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अंतिम स्वीकृति का इंतजार हो रहा है। अनुमोदन मिलते ही कर्मचारियों को एकमुश्त 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ने का लाभ मिलने की संभावना है। हालांकि, अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है। फिर भी कर्मचारी संगठनों में इस खबर को लेकर काफी उत्साह और उम्मीद का माहौल है।
कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग
मध्य प्रदेश के कर्मचारियों की लंबे समय से यह मांग रही है कि उन्हें केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता मिले। अभी प्रदेश के कर्मचारियों को 50 प्रतिशत DA मिल रहा है, जबकि केंद्र के अधिकारी और कर्मचारी बढ़े हुए दरों पर लाभान्वित हो रहे हैं। 17 अप्रैल को जारी आदेश में अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाकर 55 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे राज्य के अन्य कर्मचारियों की उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं कि अब जल्द ही उन्हें भी इस बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा।
वित्त विभाग और सरकार की भूमिका
वित्त विभाग ने इस विषय पर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, फाइल अब मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजी गई है। अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार हुआ, तो राज्य के लगभग साढ़े सात लाख कर्मचारियों और अधिकारियों को जुलाई 2025 में उनके वेतन के साथ बढ़ा हुआ DA मिल सकता है। इससे कर्मचारियों के आर्थिक बोझ में कुछ राहत मिलेगी और उनका क्रयशक्ति सूचकांक भी बढ़ेगा।
महंगाई भत्ता बढ़ने के व्यापक प्रभाव
महंगाई भत्ता बढ़ने से न केवल कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोत्तरी होगी बल्कि इसका सकारात्मक असर बाजार और आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ेगा। रिटेल सेक्टर से लेकर रियल एस्टेट तक, कर्मचारियों की बढ़ी हुई आय खर्च में वृद्धि करेगी, जिससे प्रदेश की आर्थिक गति को बल मिलेगा। इसके साथ ही, कर्मचारियों का मनोबल भी ऊंचा होगा, जिससे उनके कार्य प्रदर्शन में भी सुधार आने की संभावना है।