
राजस्थान सरकार ने एक क्रांतिकारी सामाजिक सुरक्षा पहल के रूप में मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। अब तक पेंशन की सुविधा केवल सरकारी कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु के बाद मिलती थी, लेकिन इस योजना के अंतर्गत अब हर Street Vendor, Folk Artist और Unorganized Worker को 60 की उम्र पूरी होने पर ₹3000 मासिक पेंशन मिलेगी।
क्या है मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना
मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना को केंद्र की PM Shram Yogi Maandhan Yojana के मॉडल पर तैयार किया गया है। इस योजना के तहत 41 से 45 वर्ष आयु वर्ग के ऐसे लोग जिन्हें सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की श्रेणी में रखा है, को शामिल किया गया है। इनमें लोक कलाकार, स्ट्रीट वेंडर और दिहाड़ी मजदूर शामिल हैं। इन पात्र लोगों को 60 साल की उम्र पूरी होने पर हर महीने ₹3000 की निश्चित पेंशन दी जाएगी।
कैसे मिलेगी ₹3000 की पेंशन
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को हर महीने केवल ₹100 की न्यूनतम राशि जमा करनी होगी। यह योगदान राशि एक लंबे समय तक जमा होती रहेगी और 60 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद व्यक्ति को ₹3000 मासिक पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी। पेंशन प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल है, जिसके लिए आवेदक को E-Shram Portal पर पंजीकरण करना होगा।
योजना की पात्रता और जरूरी शर्तें
इस योजना का लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा जिनकी मासिक आमदनी ₹15,000 से कम है और जो असंगठित श्रमिक, लोक कलाकार या स्ट्रीट वेंडर के रूप में कार्य कर रहे हैं। साथ ही, जिन व्यक्तियों ने पहले से किसी सरकारी पेंशन योजना जैसे Employee Provident Fund (EPF), National Pension Scheme (NPS), या राज्य बीमा योजना में नामांकन कराया हुआ है या जो आयकर दाता हैं, वे इस योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होंगे।
राज्य की वृद्धावस्था पेंशन से अलग योजना
यह योजना राज्य सरकार की अन्य Old Age Pension स्कीम से पूरी तरह अलग और स्वतंत्र है। इसमें लाभार्थी को वृद्धावस्था में एक स्थिर और सुनिश्चित पेंशन मिलेगी, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और जीवन यापन आसान हो जाएगा।