School Time Change: भीषण गर्मी में स्कूल का टाइम बदला – अब 11 बजे तक ही लगेगी क्लास!

फलोदी में बढ़ती गर्मी और लू को देखते हुए कक्षा 8वीं तक के छात्रों के स्कूल समय में बदलाव कर दिया गया है। नया समय सुबह 7:30 से 11 बजे तक होगा। यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। अभिभावकों और शिक्षकों ने फैसले का स्वागत किया है। गर्मी से राहत पाने के लिए प्रशासन द्वारा कई सुझाव भी दिए गए हैं।

By Pankaj Singh
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School Time Change: भीषण गर्मी में स्कूल का टाइम बदला – अब 11 बजे तक ही लगेगी क्लास!
School Time Change

राजस्थान के सबसे गर्म इलाकों में शुमार फलोदी में School Time Change एक ज़रूरी कदम बन गया है। अप्रैल की शुरुआत से ही हीटवेव (लू) ने जनजीवन को मुश्किल बना दिया है और खासतौर पर बच्चों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने कक्षा 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल का नया समय सुबह 7:30 से 11:00 बजे तक निर्धारित किया है। यह निर्णय जिलाधिकारी एच.एल. अटल द्वारा लिया गया और तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। यह आदेश अगली सूचना तक प्रभावी रहेगा।

प्राकृतिक गर्मी का तीखा हमला

फलोदी में गर्मी कोई नई बात नहीं, लेकिन इस बार हालात कुछ अधिक ही विकट हैं। सूरज की तपन इतनी तेज़ है कि दोपहर होते-होते सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है। तापमान में निरंतर बढ़ोतरी और लगातार चल रही लू ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मौसम में डिहाइड्रेशन, सिरदर्द और चक्कर जैसी समस्याएं तेजी से उभर सकती हैं, विशेषकर बच्चों में। इसलिए यह समय बदलाव एक संवेदनशील और दूरदर्शी कदम साबित हो रहा है।

सभी स्कूलों पर लागू होगा नया समय

जिला प्रशासन द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि यह निर्णय सरकारी और निजी दोनों प्रकार के विद्यालयों पर समान रूप से लागू होगा। केवल कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए पूर्व निर्धारित समय यथावत रहेगा। वहीं, शिक्षक स्टाफ और परीक्षाओं की समय-सारणी में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है। प्रशासन ने आदेश का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है, जो सरकार की बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता को दर्शाता है।

अभिभावकों और शिक्षकों का समर्थन

स्कूल समय में इस परिवर्तन को लेकर अभिभावकों और शिक्षकों ने प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका मानना है कि गर्मी के इस मौसम में यह निर्णय न केवल समय की मांग है, बल्कि यह छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक प्रभावी प्रयास भी है। पहले जहां बच्चे दोपहर की चिलचिलाती धूप में स्कूल से लौटते थे, अब वे दिन की तीव्र गर्मी शुरू होने से पहले ही घर लौट सकेंगे।

बाजारों की स्थिति

फलोदी में गर्मी का असर केवल स्कूलों तक सीमित नहीं रहा। बाजारों में भी दोपहर के समय सन्नाटा पसरा रहता है। अधिकतर लोग सुबह जल्दी या शाम को ही बाहर निकलते हैं। इस बीच जूस, आइसक्रीम और शीतल पेयों की मांग में तेजी आई है जबकि अन्य सामानों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि इस बार गर्मी ने व्यापार की दिशा ही बदल दी है।

गर्मी से जूझता जनजीवन

भीषण गर्मी का असर हर वर्ग पर देखा जा सकता है। लोग दोपहर में घर से निकलने से बचते हैं, और घरों में कूलर-पंखे भी गर्म हवाओं के सामने बेअसर हो गए हैं। कुछ क्षेत्रों में तो पानी की टंकियों का पानी तक उबलने की स्थिति में है। लोग राहत पाने के लिए कई देसी और आधुनिक उपाय अपना रहे हैं, लेकिन इस तीव्र गर्मी से फिलहाल राहत के संकेत नज़र नहीं आ रहे।

प्रशासन द्वारा सुझाए गए बचाव के उपाय

प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने गर्मी से बचाव के लिए कई अहम सुझाव साझा किए हैं। इनमें दोपहर 12 से 3 बजे के बीच बाहर न निकलना, हल्के और ढीले कपड़े पहनना, भरपूर पानी पीना, छाता या टोपी का उपयोग करना और खासकर बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखना शामिल है। बाहर का तला-भुना खाना खाने से बचने की सलाह भी दी गई है। ये उपाय अपनाकर लोग गर्मी से होने वाली बीमारियों से बच सकते हैं।

स्वास्थ्य विभाग की तैयारी

मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी ने स्वास्थ्य केंद्रों को गर्मी से संबंधित बीमारियों के लिए पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। सभी अस्पतालों में ORS और प्राथमिक उपचार की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से जागरूकता फैलाने का अभियान भी चलाया जा रहा है, ताकि लू से पीड़ित व्यक्ति को समय पर इलाज मिल सके।

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Pankaj Singh

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