किसानों के लिए खुशखबरी! तारबंदी योजना के नए नियम – जानिए कैसे मिलेगा लाभ

राज्य सरकार की कांटेदार एवं चैन लिंक तारबंदी योजना 2025-26 के नए दिशा-निर्देश किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं। अब केवल 0.5 हेक्टेयर भूमि पर भी किसान फसलों की सुरक्षा के लिए अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। योजना का उद्देश्य किसानों की फसलों को नीलगाय और जंगली जानवरों से सुरक्षित करना और आर्थिक सहयोग प्रदान करना है। आवेदन प्रक्रिया सरल और पूरी तरह ऑनलाइन है।

By Pankaj Singh
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किसानों के लिए खुशखबरी! तारबंदी योजना के नए नियम – जानिए कैसे मिलेगा लाभ
किसानों के लिए खुशखबरी!

अक्सर किसानों को अपनी फसलों को जानवरों से बचाने के लिए तमाम प्रयास करने पड़ते हैं, लेकिन कई बार नीलगाय, जंगली जानवर और निराश्रित पशुओं से फसलें सुरक्षित नहीं रह पातीं। ऐसे में किसानों के लिए राहत की खबर है। राज्य सरकार द्वारा किसानों की फसलों की रक्षा के लिए एक विशेष योजना चलाई जा रही है, जिसे कांटेदार एवं चैन लिंक तारबंदी योजना के नाम से जाना जाता है। वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना के दिशा-निर्देशों में बदलाव किए गए हैं, ताकि किसान अब और अधिक सरलता से इसका लाभ उठा सकें।

तारबंदी योजना में न्यूनतम भूमि सीमा में छूट

तारबंदी योजना के नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार अब किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए न्यूनतम केवल 0.5 हेक्टेयर अर्थात दो बीघा भूमि की आवश्यकता होगी। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक विनोद कुमार जैन ने बताया कि पूर्व में इस योजना के लिए 1.5 हेक्टेयर भूमि की शर्त थी, जिसे अब घटा दिया गया है। इससे छोटे और सीमांत किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे और अपनी फसलों को नीलगाय और जंगली जानवरों से सुरक्षित रख सकेंगे।

किस तरह मिलेगा किसानों को अनुदान

सहायक निदेशक कृषि विस्तार डॉ. धीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने जानकारी दी कि कांटेदार एवं चैन लिंक तारबंदी योजना के तहत समूह में यदि न्यूनतम 10 किसान मिलकर 5 हेक्टेयर भूमि पर तारबंदी करते हैं, तो प्रत्येक कृषक को 70 प्रतिशत अनुदान के तहत अधिकतम 400 रनिंग मीटर लंबाई पर 56,000 रुपये तक की अनुदान राशि मिलेगी। वहीं व्यक्तिगत या समूह में न्यूनतम 0.5 हेक्टेयर भूमि पर तारबंदी कराने पर लघु एवं सीमांत किसानों को अधिकतम 48,000 रुपये तथा सामान्य किसानों को 40,000 रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा।

तारबंदी कार्य के तकनीकी दिशा-निर्देश

डॉ. राठौड़ ने बताया कि खेतों की कांटेदार एवं चैन लिंक तारबंदी करते समय किसानों को 15 फीट की दूरी पर खंभे लगाने होंगे। इन खंभों पर 5 आड़े व 2 क्रॉस कांटेदार वायर या चैन लिंक जाली लगाना अनिवार्य रहेगा। लोहे व सीमेंट के खंभों की सुरक्षा के लिए भूमि में पीसीसी कार्य भी करना आवश्यक है। कार्य पूर्ण होने के उपरांत किसानों को सभी व्यय बिल प्रस्तुत करने होंगे और कृषि पर्यवेक्षक द्वारा फील्ड सत्यापन कर राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन रिपोर्टिंग की जाएगी। अनुदान राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी।

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया

योजना प्रभारी कजोड़ मल गुर्जर ने बताया कि इच्छुक किसान तारबंदी योजना का लाभ उठाने के लिए प्रस्तावित भूमि का नवीनतम संयुक्त नक्शा, जमाबंदी नकल, जन आधार कार्ड तथा लघु या सीमांत प्रमाण पत्र के साथ नजदीकी ई-मित्र केंद्र या स्वयं के स्तर पर राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होगी, जिससे पात्र किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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Pankaj Singh

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