आपका मोबाइल आपकी जासूसी कर रहा है? इस सेटिंग को तुरंत बदलें नहीं तो खतरे में है आपकी प्राइवेसी

फोन का माइक्रोफोन एक्सेस कई ऐप्स को आपकी बातचीत सुनने की छूट देता है, जिससे आपकी प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है। लेकिन "Permission Manager" सेटिंग्स में जाकर आप चुनिंदा ऐप्स को ही वॉयस एक्सेस दे सकते हैं। इससे आपकी बातचीत सुरक्षित रहेगी और अनचाहे ऐड्स या कंटेंट से भी बचा जा सकता है। डिजिटल सुरक्षा अब आपके हाथ में है।

By Pankaj Singh
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आपका मोबाइल आपकी जासूसी कर रहा है? इस सेटिंग को तुरंत बदलें नहीं तो खतरे में है आपकी प्राइवेसी
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आज के डिजिटल युग में जब भी हम किसी प्रोडक्ट, ट्रेंड या टॉपिक के बारे में बात करते हैं, तो कुछ ही देर में वही चीज हमारे मोबाइल स्क्रीन पर दिखने लगती है—कभी किसी ऐड के रूप में, तो कभी किसी वीडियो या आर्टिकल के जरिए। क्या ये सिर्फ इत्तेफाक है या वाकई में फोन हमारी बातें सुनता है? इस सवाल का जवाब है—हां, और इसका कारण है Microphone Access Permission, जो लगभग हर एप्लीकेशन को हमारे फोन के माइक्रोफोन तक पहुंच प्रदान करता है।

फोन की ये “जासूसी” किसी साजिश से कम नहीं लगती, लेकिन सच्चाई यह है कि यह पूरी तरह तकनीकी सेटिंग्स पर आधारित है। आपके फोन के अंदर दिया गया माइक्रोफोन हर समय एक्टिव रहता है और कई बार यह उन ऐप्स को आपकी आवाज़ सुनने की इजाजत दे देता है जिनकी आपको ज़रूरत नहीं होती। लेकिन चिंता करने की बात नहीं है, क्योंकि आप इस स्थिति को पूरी तरह कंट्रोल कर सकते हैं।

Microphone Access Permission: कैसे बनता है आपकी प्राइवेसी का दुश्मन

ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि जब हम कोई ऐप डाउनलोड करते हैं, तो वह हमारे फोन के कैमरा, लोकेशन और माइक्रोफोन जैसी चीजों की एक्सेस मांगता है। अगर आपने कभी ध्यान नहीं दिया, तो अब देना शुरू करिए क्योंकि यही Microphone Access Permission आपकी प्राइवेसी को सबसे बड़ा खतरा बना सकती है।

बिना आपकी जानकारी के ये ऐप्स आपकी बातचीत सुनते हैं और उसी के आधार पर आपके सामने कंटेंट या ऐड्स दिखाते हैं। इससे न सिर्फ आपकी निजता भंग होती है बल्कि डेटा से जुड़े कई जोखिम भी सामने आते हैं।

कैसे बदलें फोन की Microphone Setting और बचाएं अपनी निजता

अपने मोबाइल को इस जासूसी से बचाने के लिए सबसे पहले सेटिंग्स में जाकर Privacy या Security & Privacy ऑप्शन पर जाएं। वहां आपको Permission Manager दिखाई देगा। इस पर क्लिक करते ही आपको सभी ऐप्स की लिस्ट मिलेगी जिनके पास माइक्रोफोन का एक्सेस है।

अब आपको एक-एक करके उन ऐप्स को सिलेक्ट करना है और उनकी परमिशन को बदलना है। उदाहरण के लिए अगर आप YouTube की सेटिंग बदलना चाहते हैं, तो उस पर क्लिक करें और “Microphone Access” को “Ask Every Time” पर सेट करें। इसका मतलब यह होगा कि अगली बार जब YouTube आपकी वॉयस एक्सेस करना चाहेगा, तो वह पहले आपकी इजाजत मांगेगा।

यही प्रक्रिया बाकी ऐप्स के लिए भी अपनाएं। इससे आपके सभी ऐप्स वैसे ही काम करेंगे जैसे अब तक कर रहे थे, लेकिन उनकी वॉयस एक्सेस लिमिटेड हो जाएगी। यह कदम आपकी Digital Privacy को एक नई सुरक्षा देता है और आपके ऊपर नजर रखने वाले अनचाहे माइक्रोफोन एक्सेस को रोकता है।

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Pankaj Singh

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