Capital Gains Tax से बचना है? जानिए SBI Capital Gains Account Scheme का आसान तरीका!

अगर आपने प्रॉपर्टी बेची है और टैक्स के डर से परेशान हैं, तो SBI की Capital Gains Account Scheme आपके लिए वरदान है! जानिए आसान तरीके से टैक्स बचाने और कानूनी लाभ उठाने का पूरा प्रोसेस, जिससे आप बिना गलती के अपने पैसे को सुरक्षित कर सकते हैं।

By Pankaj Singh
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जब भी कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति जैसे जमीन, मकान या शेयर बेचता है और उस पर लाभ अर्जित करता है, तो उसे Capital Gains Tax देना होता है। इस टैक्स से बचने के लिए सरकार ने एक बेहद आसान रास्ता दिया है जिसे SBI Capital Gains Account Scheme के जरिए अपनाया जा सकता है। इस स्कीम का सही इस्तेमाल करने से आप बड़े टैक्स दंड से बच सकते हैं और साथ ही अपनी कमाई को सुरक्षित भी रख सकते हैं।

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SBI Capital Gains Account Scheme क्या है?

SBI Capital Gains Account Scheme, जिसे CapGains Plus भी कहा जाता है, केंद्र सरकार द्वारा 1988 में शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य उन निवेशकों की सहायता करना है जो अपनी संपत्ति से अर्जित पूंजीगत लाभ को कर मुक्त बनाने के लिए पुनर्निवेश नहीं कर पा रहे हैं। इस खाते में जमा की गई राशि आपको Income Tax Act के तहत कर छूट दिलाने में मदद करती है, जिससे आप बेफिक्र होकर अपनी निवेश योजना बना सकते हैं।

कौन लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?

SBI CapGains Plus Scheme का लाभ भारतीय निवासी व्यक्तियों (Resident Individuals), हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs), साझेदारी फर्मों (Partnership Firms), कंपनियों (Companies), एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स (AOPs) तथा अनिवासी भारतीयों (NRIs) द्वारा उठाया जा सकता है। साथ ही वे व्यक्ति जो Resident but Not Ordinarily Resident (RNOR) श्रेणी में आते हैं, वे भी इस योजना के पात्र होते हैं।

खाता खोलने की प्रक्रिया कैसे होती है?

SBI Capital Gains Account Scheme के तहत खाता खोलने के लिए आपको बैंक में Form A भरकर आवेदन करना होता है। इसके साथ PAN Card, पता प्रमाण और पासपोर्ट साइज फोटो जमा करना आवश्यक है। अगर आप पहले से SBI के ग्राहक नहीं हैं तो सबसे पहले एक सामान्य बचत खाता खोलना जरूरी होगा। खाता नकद, चेक या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से खोला जा सकता है और यह एकमुश्त या किश्तों में भी राशि जमा करने की सुविधा देता है।

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खाते के प्रकार और उनकी विशेषताएँ

SBI CapGains Plus के अंतर्गत दो प्रकार के खाते खोले जाते हैं। पहला, Type A, जो सामान्य बचत खाते की तरह है और जिसमें उच्च तरलता (Liquidity) मिलती है। दूसरा, Type B, जो टर्म डिपॉजिट के रूप में होता है और जिसमें उच्च ब्याज दर मिलती है। Type B खाता अधिकतम 24 से 36 महीनों के लिए खोला जा सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने किस धारा के तहत पूंजीगत लाभ अर्जित किया है जैसे Section 54, 54F, 54GB आदि।

निकासी और निवेश की शर्तें क्या हैं?

Type A खाते से निकासी अपेक्षाकृत आसान है, जबकि Type B खाते से निकासी केवल Type A में ट्रांसफर कर के ही संभव है। निकासी के लिए पहली बार Form C और बाद में Form D भरना अनिवार्य है। निकाली गई राशि को 60 दिनों के भीतर आवश्यक निवेश में लगाना जरूरी होता है, अन्यथा वह राशि कर योग्य मानी जाती है। खाता बंद करने के लिए आपको संबंधित आयकर अधिकारी की स्वीकृति लेनी होती है।

ब्याज दरें और कर प्रभाव

SBI Capital Gains Account Scheme में जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज दरें समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशानुसार बदलती रहती हैं। खातेदार को मिलने वाला ब्याज टैक्स योग्य होता है और उस पर TDS (Tax Deducted at Source) भी लागू होता है। यदि तय अवधि में निवेश नहीं किया गया तो पूरी राशि को कर योग्य आय माना जाएगा।

महत्वपूर्ण फॉर्म्स और उनके उपयोग

इस स्कीम के तहत कई फॉर्म्स का इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि Form A खाता खोलने के लिए, Form C और D निकासी के लिए, Form E नामांकन के लिए और Form G खाता बंद करने के लिए। यदि खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो Form H के माध्यम से खाता बंद किया जा सकता है।

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(FAQs)

SBI CapGains Plus किस धारा के अंतर्गत कर छूट देता है?
यह योजना आयकर अधिनियम की धारा 54, 54F, 54B, 54D, 54G, 54GB आदि के अंतर्गत पूंजीगत लाभ कर छूट प्राप्त करने में मदद करती है।

क्या Type A खाते से किसी भी समय निकासी संभव है?
हां, Type A खाता एक सेविंग्स अकाउंट की तरह है और निकासी काफी आसान है, परंतु निकाली गई राशि का 60 दिनों के भीतर उपयोग करना अनिवार्य है।

Type B खाते में ब्याज दर क्या होती है?
Type B खाता एक टर्म डिपॉजिट जैसा होता है, इसलिए इसमें ब्याज दर फिक्स्ड डिपॉजिट दर के अनुसार मिलती है जो सामान्यत: बचत खाते से अधिक होती है।

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Pankaj Singh

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