
गर्मियों में तरबूज (Watermelon) खाना न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह सेहत के लिए भी कई मायनों में फायदेमंद होता है। तरबूज में लगभग 92% पानी होता है, जो शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है और ठंडक पहुंचाता है। साथ ही, इसमें मौजूद फाइबर पेट की सेहत के लिए भी लाभकारी होता है। लेकिन आज के समय में बाजार में मिलने वाले तरबूज की गुणवत्ता को पहचानना बेहद जरूरी है, क्योंकि कई बार इनमें केमिकल्स या रंग मिलाए जाते हैं, जो आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कैसे पहचानें मिलावटी तरबूज?
तरबूज खरीदते समय कुछ सामान्य संकेतों पर ध्यान देना जरूरी है। जैसे कि तरबूज को काटने के बाद अगर आप उसे किसी सफेद कॉटन के कपड़े से रगड़ते हैं और उस पर लाल रंग लगता है, तो इसका मतलब है कि उसमें लाल रंग इंजेक्ट किया गया है। यह रंग प्राकृतिक नहीं होता और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
तरबूज पर लगा सफेद पाउडर हो सकता है खतरनाक
कई बार तरबूज की सतह पर सफेद पाउडर जैसा कुछ नजर आता है। लोग इसे मिट्टी या धूल समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह कैल्शियम कार्बाइड हो सकता है, जिसे फल को समय से पहले पकाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह रसायन स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक होता है और इससे पेट दर्द, उल्टी और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
बड़े साइज के तरबूज से रहें सावधान
कुछ तरबूज को बड़ा और आकर्षक दिखाने के लिए उसमें फोर्क्लोरफेनुरॉन (Forchlorfenuron) नामक रसायन इंजेक्ट किया जाता है। यह एक सिंथेटिक हार्मोन है जो फल के आकार को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। ऐसे तरबूज दिखने में आकर्षक जरूर लगते हैं, लेकिन इनका सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
पीले घेरे वाले तरबूज को समझें सेफ
अगर तरबूज पर पीले रंग का घेरा बना हो, तो वह तरबूज खेत में जमीन से टच होकर पका है, इसका मतलब यह है कि उसमें किसी तरह का केमिकल प्रयोग नहीं किया गया है। ऐसे तरबूज का सेवन अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है। पीला घेरा एक प्राकृतिक संकेत है, जो यह दर्शाता है कि फल खेत में अपनी प्रक्रिया से पककर आया है।