AC Gas Refill Charges: कितने रुपये लगते हैं गैस भरवाने में? ज्यादा पैसे न देने के लिए जान लें ये रेट लिस्ट

गर्मियों में AC की कूलिंग कम होना आम समस्या है, जिसका सबसे बड़ा कारण गैस लीक हो सकता है। इस लेख में बताया गया है कि गैस रिफिल कब करानी चाहिए, कौन सी गैस उपयुक्त है, खर्च कितना आता है और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। सही जानकारी और प्रोफेशनल मदद से आप अपने AC को लंबे समय तक दुरुस्त रख सकते हैं।

By Pankaj Singh
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AC Gas Refill Charges: कितने रुपये लगते हैं गैस भरवाने में? ज्यादा पैसे न देने के लिए जान लें ये रेट लिस्ट
AC Gas Refill Charges

र्मियों की शुरुआत होते ही एयर कंडीशनर (AC) का उपयोग अचानक बढ़ जाता है, खासकर घरों और ऑफिसों में। लेकिन कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि AC ऑन तो हो जाता है, लेकिन ठंडक वैसी नहीं मिलती जैसी पहले मिलती थी। यह स्थिति अक्सर लोगों को भ्रमित कर देती है कि शायद उनका AC खराब हो गया है। लेकिन तकनीकी रूप से देखा जाए तो इसके पीछे गैस लीक और सर्विसिंग की कमी जैसे कई कारण हो सकते हैं। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि AC Gas Refill कब कराना चाहिए, इसकी कीमत कितनी होती है और सही तकनीशियन कैसे चुनें।

AC की कूलिंग कम होने के तकनीकी कारण

AC की कूलिंग कम होने के पीछे सबसे सामान्य कारण एयर फिल्टर का गंदा होना होता है। जब फिल्टर में धूल-मिट्टी जमा हो जाती है, तो यह हवा के बहाव को रोक देता है जिससे ठंडक कम हो जाती है। दूसरा बड़ा कारण समय पर सर्विस न कराना होता है। नियमित सर्विसिंग से यूनिट में जमी गंदगी हटाई जाती है जो कि कूलिंग को बेहतर बनाए रखती है।

तीसरा कारण होता है कॉम्प्रेसर या मोटर की खराबी। ये दोनों AC के हृदय जैसे होते हैं और इनमें खराबी आने पर AC की कूलिंग या तो बहुत कम हो जाती है या पूरी तरह बंद हो जाती है।

अगर सब कुछ सही है, फिर भी ठंडक नहीं मिल रही?

अगर फिल्टर साफ हैं, सर्विस समय पर हुई है, मोटर और कॉम्प्रेसर भी दुरुस्त हैं और इसके बावजूद भी ठंडक नहीं मिल रही, तो संभवतः आपके AC की गैस लीक हो चुकी है। दरअसल, AC में मौजूद गैस ही ठंडक पैदा करने के लिए जिम्मेदार होती है। इसे रेफ्रिजरेंट कहा जाता है। जब यह गैस कम हो जाती है या लीक हो जाती है, तो AC सिर्फ पंखे की तरह हवा फेंकता है लेकिन ठंडक नहीं देता।

गैस लीक की पहचान और टेक्नीशियन का सही चयन

गैस लीक की स्थिति में पहला कदम होता है किसी प्रोफेशनल टेक्नीशियन को बुलाना। लेकिन ध्यान रहे, आजकल बाजार में कई टेक्नीशियन ऐसे भी होते हैं जो गैस लीक के नाम पर ग्राहकों से ज्यादा पैसे वसूलते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप पहले से ही गैस रिफिल की प्रक्रिया और खर्च की जानकारी रखें।

एक योग्य टेक्नीशियन सबसे पहले लीक पॉइंट को ढूंढेगा, फिर उसकी मरम्मत करेगा और उसके बाद ही गैस भरेगा। बिना लीक को ठीक किए गैस भरवाना पूरी तरह व्यर्थ है, क्योंकि गैस फिर से लीक हो जाएगी और खर्च दोगुना हो जाएगा।

AC में कौन सी गैस होती है और किसका कितना खर्च आता है?

भारत में आम तौर पर तीन प्रकार की गैसें AC में इस्तेमाल होती हैं:

  • R22 गैस पुराने मॉडल्स में पाई जाती है लेकिन यह पर्यावरण के लिए हानिकारक मानी जाती है। इसका खर्च ₹600–₹800 प्रति किलोग्राम के हिसाब से होता है।
  • R410A गैस नई तकनीक की गैस है जो ज्यादा एनर्जी एफिशिएंट है। इसकी कीमत ₹800–₹1,000 प्रति किलोग्राम के करीब होती है।
  • R32 गैस सबसे आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल गैस मानी जाती है। यह ₹1,000–₹1,200 प्रति किलोग्राम में आती है।

1.5 टन के स्प्लिट AC में आमतौर पर 1.5 से 2 किलोग्राम गैस की जरूरत होती है। कुल लागत गैस के प्रकार और स्थान के अनुसार ₹1,200 से ₹2,500 तक हो सकती है।

गैस रिफिल से पहले किन बातों का ध्यान रखें

गैस भरवाने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि लीक की मरम्मत हो चुकी हो। वरना दोबारा वही खर्च झेलना पड़ेगा। टेक्नीशियन हमेशा प्रमाणित हो और उसके पास गैस की वैध जानकारी होनी चाहिए। सर्विस के बाद इनवॉइस और गैस की डिटेल्स जरूर लें।

गर्मियों में AC को बेहतर बनाए रखने के टिप्स

  • हमेशा स्टेबलाइज़र का इस्तेमाल करें ताकि वोल्टेज फ्लक्चुएशन से बचा जा सके।
  • एयर फिल्टर को हर महीने एक बार जरूर साफ करें।
  • साल में कम से कम एक बार प्रोफेशनल सर्विसिंग कराएं।
  • 24–26 डिग्री सेल्सियस पर AC को ऑपरेट करें ताकि एनर्जी की बचत हो।
  • इस्तेमाल के बाद 10 मिनट Fan Mode पर AC चलाएं ताकि अंदर की नमी सूख सके।
Author
Pankaj Singh

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