
लोक अदालत को आप गांव की पंचायत का आधुनिक रूप मान सकते हैं। यह एक प्रकार का वैकल्पिक विवाद निवारण मंच है, जो भारत में समय-समय पर आयोजित किया जाता है। इसमें लोगों के ट्रैफिक चालान और अन्य कानूनी मामलों का निपटारा किया जाता है। लोक अदालत की विशेषता यह है कि इसमें कोर्ट के जटिल प्रक्रियाओं से बचते हुए मामले सुलझाए जाते हैं। यहाँ न तो कोर्ट की लंबी प्रक्रिया होती है, न ही वकील की महंगी फीस का खर्च उठाना पड़ता है। कई बार तो लोक अदालत में ट्रैफिक चालान की रकम कम कर दी जाती है और कभी-कभी तो इसे पूरी तरह से माफ भी कर दिया जाता है।
लोक अदालत का उद्देश्य और कार्यप्रणाली
लोक अदालत की स्थापना का उद्देश्य भारतीय न्याय व्यवस्था के बोझ को कम करना है। इसमें आमतौर पर दो पक्षों के बीच विवाद को आपसी सुलह और समझौते से हल किया जाता है। इसमें कोई कड़े कानूनी अनुशासन की आवश्यकता नहीं होती, और यह पूरी प्रक्रिया सरल, तेज और सस्ती होती है। लोक अदालत में विशेष रूप से ट्रैफिक से जुड़े मामलों की सुनवाई होती है, जैसे कि सीट बेल्ट न लगाना, हेलमेट न पहनना, रेड लाइट जंप करना, या गलत जगह पर पार्किंग करना। यदि आपके खिलाफ कोई गंभीर आपराधिक मामला नहीं है, तो आपका चालान कम या माफ किया जा सकता है।
दिल्ली में लोक अदालतों की स्थिति
दिल्ली में लोक अदालतें प्रमुख कोर्ट परिसरों में आयोजित की जाती हैं, जिनमें द्वारका कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट, रोहिणी कोर्ट, राउज एवेन्यू कोर्ट, साकेत कोर्ट और तीस हजारी कोर्ट शामिल हैं। इन स्थानों पर लोग आसानी से अपने ट्रैफिक चालान और अन्य सामान्य विवादों का समाधान करवा सकते हैं।
लोक अदालत में सुनवाई के प्रकार
लोक अदालत में सभी प्रकार के मामलों की सुनवाई होती है, लेकिन आमतौर पर लोग यहां ट्रैफिक से संबंधित मामलों को हल करवाने के लिए आते हैं। यह एक तेज और प्रभावी समाधान है, जहां ट्रैफिक उल्लंघन के कारणों को देखा जाता है और दोनों पक्षों के बीच सहमति से मामला हल किया जाता है। अगर आपकी गाड़ी किसी अपराध में शामिल नहीं है, तो चालान कम हो सकता है या माफ किया जा सकता है।
रेगुलर कोर्ट में भेजे गए चालान पर समझौता नहीं होता
यदि आपका चालान रेगुलर कोर्ट में भेजा गया है, तो उसे लोक अदालत में सुलझाया नहीं जा सकता। इसके अलावा, यदि तीन महीने के भीतर ट्रैफिक ई-चालान का भुगतान नहीं किया गया, तो ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित हो सकता है और वाहन को जब्त किया जा सकता है। इसके अलावा, गाड़ी को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है और आपको जेल भी हो सकती है।
लोक अदालत में समाधान के बाद कोर्ट फीस की वापसी
यदि आपके खिलाफ कोई केस चल रहा है और आपने लोक अदालत में उसके निपटारे की अपील की है, तो आपको उसकी कोर्ट फीस वापस मिल सकती है। हालांकि, लोक अदालत में जो फैसला लिया जाता है, उसके खिलाफ किसी भी अदालत में अपील नहीं की जा सकती।