
अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी (Under-Construction Property) पर होम लोन (Home Loan) लेना आजकल मिडिल क्लास और अप्पर मिडिल क्लास परिवारों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसकी प्रमुख वजह है कम कीमत में बेहतर लोकेशन, आधुनिक सुविधाएं और भविष्य में प्रॉपर्टी वैल्यू में इजाफे की उम्मीद। लेकिन क्या यह वास्तव में समझदारी है या सिर्फ एक जोखिमभरा सौदा? इस लेख में हम इस सवाल का गहराई से विश्लेषण करेंगे, ताकि आप सही और सूझबूझ भरा फैसला ले सकें।
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कम कीमत में बेहतर अवसर
जब आप रेडी-टू-मूव प्रॉपर्टी की तुलना अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट से करते हैं, तो अंतर स्पष्ट होता है। अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में निवेश करने पर आपको वही लोकेशन, वही सुविधाएं, लगभग 15-25% कम कीमत पर मिल जाती हैं। यह प्रॉपर्टी खरीदार के लिए एक लॉन्ग टर्म निवेश की तरह होता है जिसमें समय के साथ प्रॉपर्टी की वैल्यू बढ़ने की संभावना होती है।
फ्लेक्सिबल पेमेंट ऑप्शन और आसान ईएमआई-EMI
अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर होम लोन लेते समय एक और बड़ा फायदा यह है कि लोन की राशि चरणों में जारी होती है, यानी आपकी ईएमआई धीरे-धीरे शुरू होती है। इससे आपकी जेब पर एकदम से बड़ा दबाव नहीं पड़ता और आप अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग बेहतर तरीके से कर पाते हैं। बिल्डर्स आमतौर पर Construction Linked Plan देते हैं, जिससे भुगतान निर्माण की प्रगति के अनुसार किया जा सकता है।
कस्टमाइजेशन का विकल्प और मॉडर्न डिज़ाइन
कई बार ग्राहक चाहते हैं कि उनका घर उनकी जरूरतों और पसंद के अनुसार डिजाइन हो। अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में यह सुविधा मिलती है कि आप फ्लोर प्लान, इंटीरियर डिज़ाइन, यहां तक कि टाइल्स और फिटिंग्स जैसी चीज़ों को भी अपने मुताबिक तय कर सकते हैं। यह सुविधा रेडी-टू-मूव प्रॉपर्टी में आमतौर पर उपलब्ध नहीं होती।
RERA के अंतर्गत सुरक्षा की गारंटी
2016 के बाद से RERA (Real Estate Regulatory Authority) ने रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और खरीदार की सुरक्षा को मजबूत किया है। यदि प्रोजेक्ट RERA रजिस्टर्ड है, तो आपको समय पर पजेशन, निर्माण की गुणवत्ता और वादे के अनुसार सुविधाएं मिलने की बेहतर गारंटी होती है। RERA के तहत बिल्डर को किसी भी प्रकार की देरी या धोखाधड़ी पर जवाबदेह ठहराया जा सकता है।
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टैक्स लाभ में संभावित देरी
हालांकि अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर टैक्स बेनिफिट्स मिलते हैं, लेकिन इनका लाभ तभी शुरू होता है जब निर्माण पूरा हो जाता है। इसका मतलब यह है कि लोन पर मिलने वाली Principal और Interest की टैक्स छूट आपको तब तक नहीं मिलेगी जब तक प्रॉपर्टी आपके नाम रजिस्टर्ड नहीं हो जाती और आप उसमें रहना शुरू नहीं करते।
निर्माण में देरी का जोखिम
भारत में रियल एस्टेट सेक्टर का एक बड़ा संकट है प्रोजेक्ट्स की डिलेवरी में देरी। किसी कारणवश अगर बिल्डर प्रोजेक्ट को समय पर पूरा नहीं करता तो आपको किराया और होम लोन की EMI दोनों भरने पड़ सकते हैं। यह स्थिति आर्थिक रूप से थकावट भरी हो सकती है और कई बार खरीदारों के लिए मानसिक तनाव भी बढ़ा देती है।
बिल्डर की विश्वसनीयता है सबसे अहम
किसी भी अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले बिल्डर की विश्वसनीयता जांचना सबसे जरूरी होता है। उसका ट्रैक रिकॉर्ड, पहले प्रोजेक्ट्स की डिलीवरी टाइमिंग, निर्माण गुणवत्ता, और ग्राहकों की फीडबैक आपको इस बात का संकेत देगा कि क्या आप अपने पैसे सही जगह निवेश कर रहे हैं या नहीं। एक मजबूत और भरोसेमंद डेवलपर के साथ जोखिम कम हो जाता है।
भविष्य की योजनाएं और वैल्यू एप्रिसिएशन
यदि आप इस प्रॉपर्टी को निवेश के उद्देश्य से ले रहे हैं, तो अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी एक स्मार्ट मूव हो सकती है। समय के साथ जैसे-जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप होता है, मेट्रो कनेक्टिविटी, स्कूल्स, हॉस्पिटल्स और मॉल्स आसपास आते हैं, उस क्षेत्र की डिमांड और प्रॉपर्टी प्राइस में वृद्धि होती है। ऐसे में आपका Return on Investment (ROI) कहीं बेहतर हो सकता है।
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