
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने 500 मिलीलीटर या इससे कम क्षमता वाली प्लास्टिक (PET) पानी की बोतलों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यह प्रतिबंध राज्य के सभी सरकारी कार्यक्रमों और होटल-रेस्टोरेंट्स में लागू किया गया है। यह निर्णय राज्य को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त करने और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में निर्णायक कदम
राज्य सरकार का यह निर्णय हिमाचल प्रदेश को एक हरित राज्य (Green State) के रूप में स्थापित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। 500 एमएल तक की PET बोतलों पर रोक का उद्देश्य राज्य में Single-use plastic की खपत को नियंत्रित करना है, जो न केवल पर्यावरण बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है।
राज्य सरकार ने सभी विभागों को इस फैसले को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, होटल, लॉज, और अन्य पर्यटन स्थलों पर भी इसका कड़ाई से पालन किया जाएगा। यदि कोई इसका उल्लंघन करता है, तो उस पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
नियमों के उल्लंघन पर लगेगा जुर्माना
हिमाचल प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर कोई होटल, संस्था या व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों के अनुसार, नियमों के उल्लंघन पर ₹5,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह जुर्माना पहली बार में चेतावनी के साथ लागू होगा, लेकिन बार-बार उल्लंघन करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वाहनों में कूड़ेदान रखना अनिवार्य
प्लास्टिक प्रतिबंध के साथ-साथ हिमाचल सरकार ने एक और अहम निर्णय लिया है। अब राज्य के भीतर चलने वाले सभी वाहनों में कूड़ेदान (Dustbin) रखना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ा फैलने की समस्या पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा। यह कदम पर्यटकों और आम जनता में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
पर्यटन स्थलों पर बढ़ेगी निगरानी
हिमाचल प्रदेश एक प्रमुख पर्यटन राज्य (Tourism State) है। बड़ी संख्या में पर्यटक यहां घूमने आते हैं, जिससे कचरा और प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या भी बढ़ती है। सरकार ने साफ कहा है कि पर्यटक स्थलों पर नियमित निरीक्षण किया जाएगा और जहां भी नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, वहीं पर तत्काल जुर्माना और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
विकल्पों के प्रयोग को बढ़ावा
राज्य सरकार पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए होटल और रेस्टोरेंट मालिकों से भी अपील कर रही है कि वे प्लास्टिक की बोतलों की जगह कांच (Glass) या स्टील कंटेनर, या फिर Reusable Water Dispensers का प्रयोग करें। इससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि लागत में भी कमी आएगी।
पहले भी उठाए गए हैं कई कदम
हिमाचल प्रदेश इससे पहले भी प्लास्टिक प्रतिबंध के क्षेत्र में कई बड़े कदम उठा चुका है। राज्य ने 2009 में ही Single-use plastic पर प्रतिबंध लगा दिया था और 2019 में थर्माकोल और प्लास्टिक पैकेजिंग पर भी रोक लगा दी गई थी। इस नई पहल के साथ राज्य एक बार फिर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उदाहरण पेश कर रहा है।
आगे की योजना
राज्य सरकार ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे। इसमें प्लास्टिक के अन्य उत्पादों पर चरणबद्ध प्रतिबंध, जन-जागरूकता अभियान (Awareness Campaigns) और Eco-friendly alternatives को बढ़ावा देना शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिमाचल को देश के सबसे स्वच्छ और हरित राज्यों में शामिल करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।