High Court का बड़ा फैसला: क्या ससुर की संपत्ति में दामाद का भी होता है हक? जानें कानून क्या कहता है

इस लेख में, हमने दामाद के ससुर की संपत्ति पर अधिकार को लेकर उच्च न्यायालय के फैसले का विश्लेषण किया है। कानून के मुताबिक, दामाद का ससुर की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता, चाहे उसने उस संपत्ति के निर्माण में मदद की हो या नहीं। यह कानूनी अधिकार भारतीय पारिवारिक मामलों में स्पष्ट रूप से निर्धारित है।

By Pankaj Singh
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High Court का बड़ा फैसला: क्या ससुर की संपत्ति में दामाद का भी होता है हक? जानें कानून क्या कहता है
High Court का बड़ा फैसला

शादी एक ऐसा बंधन है जो दो व्यक्तियों और उनके परिवारों को जोड़ता है। एक बेटी की शादी के बाद, उसके माता-पिता हमेशा इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश करते हैं कि उसकी ससुराल में उसे किसी भी तरह की कठिनाई न हो। इसके लिए वे अक्सर आर्थिक सहायता भी देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या दामाद का ससुर की संपत्ति पर कोई अधिकार हो सकता है? यह सवाल कई बार उठता है, और खासतौर पर भारतीय कानूनी दृष्टिकोण से इसका जवाब काफी स्पष्ट है।

दामाद का ससुर की संपत्ति पर अधिकार

भारतीय कानून के अनुसार, दामाद का ससुर की संपत्ति पर कोई कानूनी अधिकार नहीं होता है, चाहे उसने उस संपत्ति की खरीद या निर्माण में मदद की हो। इस मुद्दे पर हाल ही में एक उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि दामाद को ससुर की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है। यह निर्णय कई लोगों के लिए चौंकाने वाला हो सकता है, लेकिन यह कानून की स्पष्टता को दर्शाता है। इसका मतलब यह है कि यदि ससुर किसी कारणवश अपनी संपत्ति दामाद के नाम नहीं करता, तो दामाद को उस संपत्ति पर कोई दावा नहीं किया जा सकता।

कानूनी अधिकार और शर्तें

अगर ससुर अपनी संपत्ति दामाद के नाम कर देता है, तो वह संपत्ति कानूनी रूप से दामाद की हो जाती है। लेकिन अगर संपत्ति का हस्तांतरण धोखाधड़ी या दबाव में किया गया है, तो इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है। ऐसे मामलों में अदालत यह सुनिश्चित करती है कि संपत्ति का हस्तांतरण पारदर्शिता के साथ किया गया हो और किसी प्रकार की धोखाधड़ी न हुई हो। यदि यह पारदर्शिता नहीं होती, तो अदालत इसे खारिज कर सकती है।

पत्नी का ससुराल की संपत्ति पर अधिकार

अब अगर हम पत्नी के अधिकार की बात करें, तो यह भी इसी तरह से काम करता है। एक पत्नी को अपने पति या ससुराल की पैतृक संपत्ति पर कोई स्वाभाविक अधिकार नहीं होता। अगर पति की मृत्यु हो जाती है, तो पत्नी को वही हिस्सा मिलता है, जो उसके पति का था। यदि पति की मृत्यु के बाद ससुराल वालों ने संपत्ति वसीयत के माध्यम से किसी और को दी हो, तो पत्नी को उस संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं हो सकता।

केरल उच्च न्यायालय का फैसला

हाल ही में, केरल उच्च न्यायालय ने इस विषय पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति एन अनिल कुमार ने एक मामले में यह स्पष्ट किया कि दामाद को ससुर की संपत्ति पर कोई कानूनी अधिकार नहीं होता। यह मामला कन्नूर के तालिपरम्बा के डेविस राफेल से जुड़ा था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि दामाद का ससुर की संपत्ति पर कोई दावा नहीं हो सकता, चाहे उसने उस संपत्ति के निर्माण में कोई आर्थिक मदद की हो या नहीं।

संपत्ति विवाद का मामला

इस मामले में, ससुर ने अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने दामाद के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की थी। उनका आरोप था कि दामाद उनकी संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर रहा था और उनके घर में हस्तक्षेप कर रहा था। ससुर ने यह भी कहा कि उनकी संपत्ति चर्च से उपहार के रूप में प्राप्त हुई थी और दामाद को इस पर कोई अधिकार नहीं है।

दामाद का दावा और अदालत का निर्णय

दूसरी ओर, दामाद ने अदालत में यह दावा किया कि यह संपत्ति चर्च से उपहार के रूप में प्राप्त हुई थी और शादी के बाद वह परिवार का सदस्य बन चुका है। हालांकि, अदालत ने इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि दामाद को परिवार का सदस्य मानना ​​मुश्किल है। कोर्ट ने इसे एक शर्मनाक दलील करार दिया और यह स्पष्ट किया कि शादी के बाद दामाद को ससुर की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं हो सकता।

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Pankaj Singh

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