सरकारी PF Trusts की छूट होगी खत्म! जानिए सरकार की नई योजना और इसका असर

EPFO अब Exempted Provident Fund Trusts प्रणाली को धीरे-धीरे खत्म करने की तैयारी में है, क्योंकि कई ट्रस्ट्स नियमों का पालन नहीं कर पा रहे हैं और सरकार पर भुगतान की ज़िम्मेदारी आ जाती है। 2024-25 में ऐसे 33 ट्रस्ट्स ने स्टेटस सरेंडर किया है। सरकार अब पारदर्शी और केंद्रीकृत PF मॉडल की ओर कदम बढ़ा रही है।

By Pankaj Singh
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सरकारी PF Trusts की छूट होगी खत्म! जानिए सरकार की नई योजना और इसका असर
PF Trusts

Employees’ Provident Fund Organisation-EPFO द्वारा संचालित Exempted Establishments या Exempted Provident Fund Trusts सिस्टम को धीरे-धीरे खत्म करने की योजना पर विचार किया जा रहा है। Labour and Employment Ministry के सूत्रों के अनुसार, यह कदम उन कंपनियों द्वारा PF नियमों का पालन न करने और बड़ी संख्या में ट्रस्ट्स द्वारा अपना एक्सेम्प्ट स्टेटस सरेंडर करने के चलते उठाया जा रहा है।

पिछले कुछ समय से ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे ट्रस्ट्स ने न तो उचित कॉर्पस बनाए रखा और न ही EPFO की निर्धारित शर्तों का पालन किया। इसके कारण जब वे अपनी exempted स्थिति छोड़ते हैं, तो सरकार पर उनकी भुगतान ज़िम्मेदारी आ जाती है। यही वजह है कि सरकार अब इन संस्थाओं की जांच और ऑडिट को गंभीरता से ले रही है और इस सिस्टम से धीरे-धीरे बाहर निकलने की दिशा में काम कर रही है।

2024-25 में तेज़ी से बढ़ा सरेंडर का आंकड़ा

वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 33 exempted establishments ने अपना स्टेटस सरेंडर किया है, जो कि 2023-24 में सरेंडर करने वाले 19 प्रतिष्ठानों की तुलना में 73 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। 31 मार्च 2023 तक कुल 1,002 एक्सेम्प्टेड संस्थान मौजूद थे जो कि 31.20 लाख सदस्यों का ₹3.52 लाख करोड़ का फंड मैनेज कर रहे थे।

क्या होती हैं Exempted Establishments की ज़िम्मेदारियां?

Exempted establishments अपने कर्मचारियों के EPF योगदान से अलग अपना स्वयं का प्रोविडेंट फंड ट्रस्ट संचालित करते हैं। इसके लिए उन्हें EPF Scheme, 1952 के Section 27AA के तहत निर्धारित 31 शर्तों का पालन करना होता है। इनमें EPFO द्वारा घोषित समान ब्याज दर देना और कर्मचारियों की EPS राशि EPFO को जमा कराना अनिवार्य होता है।

EPFO ने 2014 से ऐसे प्रतिष्ठानों के लिए मासिक रिटर्न फाइल करना अनिवार्य कर दिया था, और मार्च 2017 से इसे ऑनलाइन फॉर्मेट में लागू किया गया। जुलाई 2017 से EPFO ऐसे संस्थानों की मासिक रैंकिंग भी कर रहा है, जो कुल 600 अंकों के स्कोरिंग सिस्टम पर आधारित होती है। इसमें समय पर फंड ट्रांसफर, निवेश, ट्रस्ट को रेमिटेंस, ब्याज घोषणा, क्लेम सेटलमेंट और अकाउंट ऑडिट जैसे छह पहलुओं को शामिल किया जाता है।

सरल प्रक्रिया के लिए लॉन्च किया गया ऑनलाइन सरेंडर मॉड्यूल

2024 के अगस्त महीने में EPFO ने Exempted Establishments को आसानी से अपना स्टेटस सरेंडर करने की सुविधा के लिए एक नया ऑनलाइन मॉड्यूल लॉन्च किया। इसका उद्देश्य Ease of Doing Business को बढ़ावा देना और समय-श्रम की बचत करना था। इस प्लेटफॉर्म के ज़रिए कंपनियां ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं, एप्लिकेशन की वैधता चेक की जा सकती है और कर्मचारियों की पिछली जमा राशि का ट्रांसफर भी सुगमता से किया जा सकता है।

ट्रस्ट आधारित सिस्टम से हटने की तैयारी

सरकार का उद्देश्य अब धीरे-धीरे ट्रस्ट आधारित सिस्टम से हटकर केंद्रीयकृत प्रोविडेंट फंड मैकेनिज्म की ओर जाना है। बार-बार हो रही अनियमितताओं और अचानक ट्रस्ट सरेंडर के मामलों के चलते सरकार अब इस प्रणाली पर दोबारा सोच रही है ताकि कर्मचारी हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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Pankaj Singh

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