
दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई महिलाओं की फ्री बस यात्रा योजना एक बार फिर चर्चा में है। 2019 में इस योजना की शुरुआत महिलाओं को सशक्त बनाने, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और दिल्ली में उनके आवागमन को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से हुई थी। योजना के अंतर्गत महिलाएं दिल्ली परिवहन निगम (DTC) और क्लस्टर बसों में पिंक स्लिप दिखाकर मुफ्त यात्रा कर सकती थीं। लेकिन अब इस प्रक्रिया को और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए डिजिटल ट्रैवल कार्ड का प्रावधान किया गया है।
डिजिटल कार्ड की अनिवार्यता और पात्रता की शर्तें
नई व्यवस्था के तहत अब महिलाओं को फ्री यात्रा के लिए डिजिटल कार्ड प्राप्त करना अनिवार्य होगा। यह डिजिटल कार्ड केवल दिल्ली की महिला निवासियों को ही जारी किया जाएगा। यानी यदि कोई महिला उत्तर प्रदेश, बिहार या किसी अन्य राज्य से दिल्ली में काम करने आई है लेकिन वह दिल्ली की स्थायी निवासी नहीं है, तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा हाल ही में की गई घोषणा के अनुसार, पिंक स्लिप को अब चरणबद्ध तरीके से बंद किया जाएगा और उसकी जगह डिजिटल ट्रैवल कार्ड अनिवार्य होगा। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक कार्ड बनाने की विस्तृत गाइडलाइन सामने नहीं आई है, लेकिन दस्तावेज़ों की अनिवार्यता को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई है।
डिजिटल कार्ड बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेज़
डिजिटल कार्ड के लिए आवेदन करते समय महिलाओं को कुछ अहम दस्तावेज़ देने होंगे। इसमें सबसे पहले आधार कार्ड, उसके साथ दिल्ली में निवास का प्रमाण (जैसे राशन कार्ड, वोटर आईडी या बिजली बिल), और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं। यदि किसी महिला के पास इनमें से कोई भी दस्तावेज़ अधूरा है या उपलब्ध नहीं है, तो उसका डिजिटल कार्ड नहीं बन पाएगा और उसे फ्री बस यात्रा की सुविधा नहीं मिलेगी।
क्या भविष्य में नियमों में बदलाव संभव है?
सरकार ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में योजना के तहत कुछ नियमों में बदलाव संभव हो सकते हैं। जैसे – प्रवासी महिलाओं के लिए अस्थायी डिजिटल कार्ड, या कामकाजी महिलाओं के लिए विशेष रियायतें। लेकिन जब तक ऐसी किसी नई नीति की घोषणा नहीं होती, तब तक यह सुविधा केवल दिल्ली की महिला निवासियों के लिए ही सीमित रहेगी।