
Fixed Deposit (FD) एक पारंपरिक लेकिन आज भी सबसे भरोसेमंद निवेश विकल्पों में से एक माना जाता है, खासकर तब जब निवेशक जोखिम से दूर रहकर स्थिर रिटर्न चाहते हैं। ₹5 लाख की राशि को 3 वर्षों के लिए FD में लगाना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है, खासकर वर्तमान बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए। इस विकल्प में न तो शेयर बाजार जैसा जोखिम है और न ही Mutual Fund जैसी जटिलता।
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विभिन्न बैंकों की ब्याज दरें और निवेश पर प्रभाव
आज के समय में प्रमुख सरकारी और प्राइवेट बैंक FD पर 6.5% से लेकर 7.25% तक की ब्याज दर ऑफर कर रहे हैं, वहीं कुछ एनबीएफसी (NBFC) और कॉरपोरेट कंपनियां इससे भी अधिक, जैसे 8.10% तक का ब्याज प्रदान कर रही हैं। उदाहरण के तौर पर, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) 3 वर्षों की FD पर 6.75% ब्याज दे रहा है, जबकि बजाज फाइनेंस अपने FD स्कीम पर 8.10% तक की ब्याज दर ऑफर कर रहा है। यही अंतर निवेश पर कुल रिटर्न को बड़ा फर्क दे सकता है।
कैसे होता है FD पर रिटर्न का कैलकुलेशन
FD पर मिलने वाला ब्याज आमतौर पर कंपाउंडिंग के आधार पर तय होता है, यानी त्रैमासिक या अर्धवार्षिक ब्याज को मूलधन में जोड़कर अगली गणना की जाती है। यदि आप ₹5 लाख को 3 वर्षों के लिए 7.25% सालाना कंपाउंड ब्याज पर निवेश करते हैं, तो मैच्योरिटी पर लगभग ₹6.20 लाख के आस-पास राशि प्राप्त होगी, जिसमें ₹1.20 लाख तक का ब्याज शामिल होगा। हालांकि, यह आंकड़ा चयनित बैंक या संस्था की ब्याज दर और कंपाउंडिंग पॉलिसी पर निर्भर करता है।
ऑनलाइन FD कैलकुलेटर से करें अनुमान और तुलना
आज के डिजिटल युग में निवेशकों के लिए FD पर संभावित रिटर्न की गणना करना बेहद आसान हो गया है। ICICI Bank, HDFC Bank, SBI और Bajaj Finance जैसी संस्थाएं अपने पोर्टल पर FD कैलकुलेटर की सुविधा देती हैं जहां आप राशि, अवधि और ब्याज दर दर्ज कर सीधे अनुमान लगा सकते हैं। यह न केवल रिटर्न की स्पष्ट जानकारी देता है, बल्कि विभिन्न संस्थाओं की तुलना करने में भी मदद करता है।
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कर लाभ और TDS का असर FD पर
Fixed Deposit से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लागू होता है। यदि आपकी सालाना ब्याज आय ₹40,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000) से अधिक है, तो बैंक TDS (Tax Deducted at Source) काटता है। हालांकि, फॉर्म 15G या 15H भरकर आप TDS से बच सकते हैं यदि आपकी कुल आय टैक्स योग्य सीमा से कम है। यह जानकारी निवेश से पहले जानना जरूरी है ताकि वास्तविक रिटर्न को सही तरीके से आंका जा सके।
(FAQs)
FD पर मिलने वाला ब्याज कब मिलता है?
FD पर ब्याज भुगतान योजना पर निर्भर करता है – मासिक, त्रैमासिक या मैच्योरिटी पर एक साथ।
क्या FD पर टैक्स लगता है?
हां, FD से अर्जित ब्याज टैक्स योग्य होता है और तय सीमा से अधिक होने पर TDS काटा जाता है।
क्या FD में प्रीमैच्योर ब्रेक की जा सकती है?
हां, लेकिन इस पर आमतौर पर पेनल्टी ब्याज कटौती लागू होती है, जो संस्थान की पॉलिसी के अनुसार तय होती है।
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