
पासपोर्ट में जीवनसाथी का नाम जोड़ने की प्रक्रिया अब पहले जैसी जटिल नहीं रह गई है। विदेश मंत्रालय की नई गाइडलाइंस के मुताबिक अब किसी भी आवेदक को शादी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। अब पासपोर्ट में पति या पत्नी का नाम जोड़ने के लिए केवल एक जॉइंट फोटो और एक सेल्फ डिक्लेरेशन ही काफी होगा। यह बदलाव खासतौर पर उन लोगों के लिए बड़ी राहत है, जिनकी शादी पारंपरिक रीति-रिवाजों से हुई है और जिनके पास मैरिज सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं है।
Annexure J से होगी प्रक्रिया सरल
विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट आवेदन के लिए Annexure J की व्यवस्था की है, जिसके तहत पति-पत्नी को एक साथ खींची गई तस्वीर को सेल्फ अटेस्ट करके अपलोड करना होता है। इस तस्वीर पर दोनों का संयुक्त रूप से साइन होना चाहिए। यह फोटो ही विवाह का प्रमाण माना जाएगा। इसके अतिरिक्त, दोनों की जानकारी जैसे नाम, आधार कार्ड नंबर, वोटर आईडी, पासपोर्ट नंबर आदि Annexure J में दर्ज करने होंगे। इस दस्तावेज पर साइन की तारीख और स्थान भी स्पष्ट रूप से लिखना जरूरी है।
उत्तर भारत के लिए बड़ी सुविधा
उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और हरियाणा में अभी भी शादियों का पंजीकरण कम होता है। इन क्षेत्रों में पारंपरिक शादियों के बाद लोग विवाह पंजीकरण को टालते रहते हैं, जिससे भविष्य में पासपोर्ट या सरकारी योजनाओं में जीवनसाथी का नाम जोड़ने में दिक्कत आती है। विदेश मंत्रालय की नई पहल से अब इन लोगों को राहत मिलेगी और वे आसानी से अपने जीवनसाथी का नाम पासपोर्ट में शामिल कर सकेंगे।
सरकारी प्रक्रिया से हटेगी जटिलता
अब तक पासपोर्ट में जीवनसाथी का नाम जोड़ने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य होता था। लेकिन नए नियमों से प्रक्रिया में पारदर्शिता के साथ-साथ सरलता भी आ गई है। यह न सिर्फ समय बचाएगा, बल्कि दस्तावेजी झंझटों से भी छुटकारा दिलाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोग इस सुविधा का लाभ लें और प्रमाणिकता बनाए रखते हुए पासपोर्ट संबंधी कार्य बिना बाधा के पूरे कर सकें।