
मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। मध्य प्रदेश सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन आखिरकार 8 साल बाद फिर से शुरू होने जा रहा है। इस घोषणा से राज्य के लगभग चार लाख से अधिक कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि जल्द ही प्रमोशन की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू की जाएगी।
इस घोषणा से न केवल लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार कर रहे कर्मचारी राहत की सांस ले पाएंगे, बल्कि यह सरकारी ढांचे में नई ऊर्जा और गतिशीलता भी लाएगा। हालांकि कर्मचारियों को फिलहाल सिर्फ एक ही प्रमोशन मिलेगा, जबकि वे डबल प्रमोशन के पात्र हैं। इसकी वजह है राज्य में रिक्त पदों की कमी, जिससे फिलहाल एक बार की पदोन्नति ही संभव है।
राज्य में 1.25 लाख पद खाली, प्रमोशन के लिए खुला रास्ता
मुख्यमंत्री मोहन यादव के अनुसार, इस समय राज्य सरकार के पास 1.25 लाख रिक्त पद हैं। इन पदों पर वर्तमान कर्मचारियों को प्रमोट किया जाएगा। हालांकि डबल प्रमोशन का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा गया था, लेकिन फिलहाल इसे स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन का मानना है कि एक बार की प्रमोशन से भी सरकार पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा क्योंकि कर्मचारियों को समय पर वेतन पहले से ही दिया जा रहा है।
सरकार का यह निर्णय कर्मचारियों की वर्षों पुरानी मांगों को स्वीकार करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। इससे पहले यह मुद्दा केवल चर्चाओं तक सीमित था, लेकिन अब मुख्यमंत्री की घोषणा ने इसे वास्तविकता में बदल दिया है।
2016 से रुका था प्रमोशन, हजारों कर्मचारी बिना तरक्की के रिटायर
मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन वर्ष 2016 से अटका हुआ था। इन आठ वर्षों में एक लाख से ज़्यादा कर्मचारी बिना किसी प्रमोशन के ही रिटायर हो गए। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुद यह स्वीकार किया कि कई कर्मचारियों ने पूरी नौकरी प्रमोशन की आस में निकाल दी, लेकिन उन्हें यह अवसर नहीं मिल पाया।
उन्होंने बताया कि इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए 12 से अधिक बार मंत्रियों के साथ बैठकें की गईं। कई विभागों से फीडबैक और व्यावहारिक समाधान मांगे गए, जिससे अब प्रमोशन प्रक्रिया को पुनः शुरू करने की राह साफ हो पाई है।
कर्मचारी संगठनों ने जताई संतुष्टि, सीएम को कहा धन्यवाद
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद मंत्रालय कर्मचारी संघ और स्टेनोग्राफर संघ के प्रतिनिधिमंडल ने उनसे भेंट कर आभार प्रकट किया। इन संगठनों का कहना है कि यह निर्णय कर्मचारियों की वर्षों पुरानी लंबित मांग को पूरा करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
संगठनों का यह भी मानना है कि यह निर्णय राज्य के प्रशासनिक ढांचे को और मज़बूती देगा तथा कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाएगा। यह न केवल उनके आर्थिक और करियर ग्रोथ के लिहाज से अहम है, बल्कि सेवा भाव को भी और मजबूत करेगा।
चार लाख से ज़्यादा कर्मचारी होंगे लाभान्वित
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह स्पष्ट किया कि राज्य के चार लाख से अधिक कर्मचारी इस प्रमोशन प्रक्रिया के अंतर्गत आएंगे। इसका अर्थ है कि राज्य सरकार एक बड़ी संख्या में कर्मचारियों को प्रमोट करने जा रही है। यह प्रक्रिया आने वाले महीनों में चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी।
इसके अलावा, सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि अगर आने वाले एक साल में रिक्त पदों की संख्या पर्याप्त हो जाती है, तो डबल प्रमोशन पर पुनर्विचार किया जाएगा। फिलहाल एक प्रमोशन की अनुमति से ही लाखों परिवारों की उम्मीदों को पंख लग चुके हैं।