खेत में आग से फसल जली तो अब सरकार देगी मुआवजा! जानिए कैसे और कहां करें आवेदन

गर्मी में खेतों में बढ़ती आगजनी से परेशान हरियाणा के किसानों के लिए राहत की खबर है। सरकार ने प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे का एलान किया है और क्षतिपूर्ति पोर्टल के जरिए दावे दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सिरसा, कैथल जैसे जिलों में भारी नुकसान हुआ है। सरकार द्वारा जल्द ही प्रति एकड़ मुआवजा राशि तय की जाएगी, जिससे किसानों को आर्थिक संबल मिलेगा।

By Pankaj Singh
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खेत में आग से फसल जली तो अब सरकार देगी मुआवजा! जानिए कैसे और कहां करें आवेदन
खेत

गर्मी के मौसम में गेहूं के खेतों में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं। लगभग तैयार फसल में अचानक आग लगने से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए हरियाणा सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए मुआवजे (Compensation) का एलान किया है। अब तक 312 किसानों की लगभग 814 एकड़ गेहूं की फसल जलकर राख हो चुकी है। सरकार ने क्षतिपूर्ति (Compensation) के तौर पर मुआवजा देने का निर्णय तो लिया है, लेकिन फिलहाल प्रति एकड़ राशि तय नहीं हुई है।

हाल ही में हुई एक बैठक में प्रति एकड़ 50 हजार रुपये मुआवजा देने का सुझाव सामने आया, जिस पर हरियाणा सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। हालांकि, सरकार अंतिम निर्णय तभी लेगी जब पूरी तरह से प्रभावित फसलों का आकलन पूरा कर लिया जाएगा। सामान्य खराबे की फसल पर सरकार द्वारा 15 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाता है, लेकिन इस बार हालात की गंभीरता को देखते हुए ज्यादा मुआवजा देने की तैयारी है।

सरकारी कार्रवाई और पोर्टल पर दावा प्रक्रिया

हरियाणा सरकार ने गेहूं की फसल में आग से हुए नुकसान के दावों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल (Compensation Portal) खोल दिया है। वित्तीय आयुक्त राजस्व (FCR) सुमिता मिश्रा ने सिरसा, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, चरखी दादरी, यमुनानगर, कैथल और रोहतक के उपायुक्तों को निर्देशित किया है कि वे किसानों से क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपने नुकसान के दावों को एक मई तक अपलोड करवाएं।

यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि सरकार जल्द से जल्द किसानों को राहत पहुंचाने का निर्णय ले सके। जानकारी के अनुसार, अब तक सिरसा में 266.28 एकड़, कैथल में 146.3 एकड़, फतेहाबाद में 83.3 एकड़ और कुरुक्षेत्र में 57 एकड़ गेहूं की फसल आगजनी में पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। खेतों के ऊपर से गुजरती बिजली की लाइनों में शॉर्ट सर्किट (Short Circuit) को इन घटनाओं का मुख्य कारण बताया जा रहा है।

क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रभावित किसान बिना किसी कठिनाई के अपना नुकसान दर्ज करवा सकें और राहत राशि शीघ्रता से प्राप्त कर सकें। उपायुक्तों द्वारा किसानों को व्यक्तिगत संदेश भेजकर इस प्रक्रिया के बारे में सूचित भी किया गया है, जिससे कोई भी प्रभावित किसान इस योजना से वंचित न रह जाए।

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Pankaj Singh

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