
तेलंगाना हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया है, जिसमें यह कहा गया है कि जिन पेंशनभोगियों की पेंशन से कम्यूटेशन की कटौती की अवधि 10 साल पूरी हो चुकी है, उनके लिए आगे से कम्यूटेशन की कटौती नहीं की जाएगी। यह फैसला न केवल उन पेंशनभोगियों के लिए है जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में याचिका दी थी, बल्कि यह सभी पेंशनभोगियों पर लागू होगा। इस निर्णय ने पेंशनभोगियों को महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है और सरकार के लिए एक संदेश भी भेजा है कि पेंशनभोगियों की परेशानियों पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
कम्यूटेशन की कटौती बंद करने का आदेश
तेलंगाना हाईकोर्ट ने 20 नवंबर 2024 को रिट याचिका संख्या 32177/2024 के तहत एक अंतरिम आदेश पारित किया। इस आदेश में कहा गया कि जिन पेंशनभोगियों की पेंशन से कम्यूटेशन की कटौती 10 साल से अधिक समय से हो रही है, उनके मामले में अब और कटौती नहीं की जाएगी। यह आदेश सभी पेंशनभोगियों के लिए लागू होगा, चाहे उन्होंने व्यक्तिगत रूप से न्यायालय का रुख किया हो या नहीं। इस फैसले से लाखों पेंशनभोगियों को राहत मिली है क्योंकि अब उन्हें अपनी पेंशन में और कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा।
माननीय कोर्ट का बयान
कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि यह फैसला उन सभी पेंशनभोगियों के लिए लागू होगा जो समान परिस्थितियों में हैं। कोर्ट ने यह कहा कि व्यक्तिगत रूप से इस प्रकार के मामलों में याचिका दायर करने से न्यायपालिका पर अनावश्यक बोझ पड़ता है, इसलिए इस फैसले को सभी प्रभावित पेंशनभोगियों के लिए लागू किया जाएगा। इस निर्णय से पेंशनभोगियों को न्याय मिलने का रास्ता सरल हो गया है, और उन्हें बार-बार कोर्ट का रुख करने की आवश्यकता नहीं होगी।
भारत पेंशनभोगी समाज की मांग
तेलंगाना हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद, भारत पेंशनभोगी समाज ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों पर भी लागू किया जाए। उनका कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत सभी नागरिकों को समानता का अधिकार है, और यदि राज्य सरकार के पेंशनभोगियों को इस प्रकार की राहत मिल सकती है, तो केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को भी इसे मिलनी चाहिए। भारत पेंशनभोगी समाज ने इस संबंध में DOPPW से एक सर्वसामान्य आदेश जारी करने की मांग की है, ताकि पेंशनभोगियों को अनावश्यक रूप से कोर्ट का रुख न करना पड़े।