Char Dham 2025: चारधाम यात्रा करना मतलब खतरे में पड़ना! उत्तराखंड पुलिस ने सरकार को भेजी गंभीर रिपोर्ट

चारधाम यात्रा 2025 में श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रही है, लेकिन इस बार के सफर में खतरे भी दोगुने हैं। लैंडस्लाइड ज़ोन 60 और एक्सीडेंट पॉइंट्स 120 तक पहुंच चुके हैं, जिससे यात्रा मार्ग अत्यंत संवेदनशील हो गया है। भूगर्भ वैज्ञानिकों और प्रशासन ने चेतावनी दी है कि सावधानी ही सुरक्षा है। यदि आप चारधाम जा रहे हैं, तो यह रिपोर्ट जरूर पढ़ें।

By Pankaj Singh
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Char Dham 2025: चारधाम यात्रा करना मतलब खतरे में पड़ना! उत्तराखंड पुलिस ने सरकार को भेजी गंभीर रिपोर्ट
Char Dham 2025

Char Dham 2025: चारधाम यात्रा 2025 बस कुछ ही दिनों में शुरू होने वाली है। 30 अप्रैल से आरंभ हो रही इस आध्यात्मिक यात्रा के लिए अब तक 19 लाख से अधिक श्रद्धालु ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। हर साल की तरह इस बार भी भक्तगण गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर निकलेंगे। लेकिन इस बार की यात्रा में कुछ बेहद चिंताजनक बदलाव देखे जा रहे हैं, जो इसे पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण बना रहे हैं।

लैंडस्लाइड ज़ोन में हुआ इजाफा, बढ़ा जोखिम

इस बार यात्रा मार्ग पर भूस्खलन (Landslide) के खतरों में भारी बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष जहां 35 लैंडस्लाइड ज़ोन चिन्हित किए गए थे, वहीं इस बार यह संख्या 60 तक पहुंच गई है। इन क्षेत्रों में पहाड़ों से मलबा गिरने की संभावना अधिक होती है, जिससे न केवल रास्ता अवरुद्ध होता है, बल्कि यात्रियों की जान पर भी बन आती है। कई ज़ोन बेहद संवेदनशील हो चुके हैं, जहां बारिश के बाद फिसलन और अचानक मलबा गिरने की घटनाएं सामान्य होती जा रही हैं।

एक्सीडेंट संभावित क्षेत्र

उत्तराखंड पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार एक्सीडेंट संभावित इलाकों की संख्या भी चिंताजनक रूप से बढ़ गई है। पिछले वर्ष जहां 80 स्पॉट्स को खतरनाक माना गया था, अब यह संख्या 120 तक पहुंच चुकी है। ये वे स्थान हैं जहां मोड़ खतरनाक हैं, रास्ते संकरे हैं या गाड़ियों की टक्कर और फिसलन की आशंका ज्यादा है। इन क्षेत्रों में दुर्घटनाओं की आशंका इतनी अधिक है कि प्रशासन ने डबल साइड जेसीबी मशीनों की तैनाती की सिफारिश की है, जिससे आपात स्थिति में तुरंत रास्ता साफ किया जा सके।

प्रशासन की तैयारी और भूगर्भ वैज्ञानिकों की चेतावनी

उत्तराखंड पुलिस और राज्य सरकार ने इस बार की यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए एक विस्तृत सुरक्षा प्लान तैयार किया है। इसमें संवेदनशील क्षेत्रों की नियमित निगरानी, जेसीबी और मेडिकल टीम्स की तैनाती, और मौसम पूर्वानुमान के आधार पर मार्ग बंद करने की व्यवस्था शामिल है।

लेकिन भूगर्भ वैज्ञानिकों की चेतावनी इससे भी अधिक गंभीर है। विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड में पिछले कुछ वर्षों से भूस्खलन की घटनाओं में भारी इज़ाफा हो रहा है। इसका मुख्य कारण है अत्यधिक मानवीय हस्तक्षेप, जैसे कि सड़क चौड़ीकरण, होटल निर्माण, और जंगलों की कटाई। इसके अलावा मॉनसून के पैटर्न में बदलाव भी एक बड़ा कारक है, जिससे मिट्टी की पकड़ कमज़ोर हो रही है और भारी बारिश के दौरान भूस्खलन की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।

श्रद्धालुओं के लिए सलाह

यदि आप भी इस बार चारधाम यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं, तो जरूरी है कि आप पूरी तरह से तैयार और सतर्क रहें। प्रशासन की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। यात्रा से पहले अपने वाहन की स्थिति की जांच कर लें, मौसम की जानकारी नियमित रूप से लेते रहें, और इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर अपने पास रखें। यात्रा मार्ग पर यदि प्रशासन किसी स्थान पर रुकने या मार्ग बदलने की सलाह देता है, तो उसे गंभीरता से लें।

साथ ही, अपने साथ पर्याप्त गर्म कपड़े, प्राथमिक चिकित्सा किट, दवाइयां, और शरीरिक ऊर्जा बनाए रखने वाले खाद्य पदार्थ जरूर रखें। यह यात्रा जितनी आध्यात्मिक है, उतनी ही शारीरिक और मानसिक धैर्य की भी मांग करती है।

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Pankaj Singh

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