चारधाम यात्रा करने जा रहे हैं अपनी गाड़ी से? तो पढ़ लें सरकार की नई एडवाइजरी – वरना हो सकती है दिक्कत

Chardham Yatra 2025 के लिए उत्तराखंड प्रशासन ने एक सख्त एडवाइजरी जारी की है, जिसमें रात्रिकालीन व्यवसायिक वाहन संचालन पर रोक, चालकों के लिए फिटनेस और पहनावे से जुड़े नए नियम शामिल हैं। यात्री पंजीकरण, मौसम जानकारी और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। यह यात्रा धार्मिक महत्व के साथ राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए भी अहम है। प्रशासन इसे सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

By Pankaj Singh
Published on
चारधाम यात्रा करने जा रहे हैं अपनी गाड़ी से? तो पढ़ लें सरकार की नई एडवाइजरी – वरना हो सकती है दिक्कत
Chardham Yatra

Chardham Yatra उत्तराखंड की एक प्रतिष्ठित धार्मिक यात्रा है, जो इस वर्ष 30 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। हर वर्ष की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालुओं के गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए आने की संभावना है। यात्रा को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। परिवहन विभाग ने इस बार यात्रा मार्गों पर वाहनों के संचालन को लेकर एक सख्त और विस्तृत एडवाइजरी जारी की है।

पर्वतीय मार्गों पर रात्रि में व्यवसायिक वाहन नहीं चलेंगे

परिवहन विभाग की एडवाइजरी के अनुसार, पर्वतीय मार्गों पर रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक किसी भी प्रकार के व्यवसायिक वाहन के संचालन पर पूर्ण रोक लगा दी गई है। यह निर्णय पहाड़ी क्षेत्रों में रात के समय होने वाली दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। यह प्रतिबंध यात्रा के सभी मार्गों पर लागू रहेगा और इसका उल्लंघन करने पर सख्त दंड का प्रावधान रखा गया है।

चालकों के लिए विशेष दिशा-निर्देश

चारधाम यात्रा मार्ग पर वाहन चलाने वाले चालकों को अब पहले से अधिक सतर्क और जिम्मेदार बनना होगा। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) चक्रपाणि मिश्रा के अनुसार, पर्वतीय मार्गों पर ड्राइविंग बेहद चुनौतीपूर्ण होती है, जिसमें ड्राइवर की दक्षता, फिटनेस और मानसिक सजगता जरूरी है। इसलिए अब सभी व्यवसायिक चालकों के लिए प्रशिक्षण प्रमाणपत्र, फिटनेस सर्टिफिकेट और वाहन के सभी वैध दस्तावेज साथ रखना अनिवार्य होगा। चालकों की वेशभूषा, व्यवहार और स्वास्थ्य पर भी विशेष नजर रखी जाएगी।

जूते होंगे अनिवार्य, चप्पल पर रोक

परिवहन विभाग ने चालकों के पहनावे को लेकर भी एक नया नियम जोड़ा है। चारधाम यात्रा के दौरान वाहन चालकों को अब चप्पल या सैंडल पहनकर वाहन चलाने की अनुमति नहीं होगी। इसके बजाय उन्हें बंद जूते या ट्रैकिंग शूज पहनना अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना को न्यूनतम किया जा सके। यह फैसला पहाड़ी इलाकों में ड्राइविंग की जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

वाहनों की तकनीकी जांच होगी जरूरी

चारधाम यात्रा के दौरान प्रत्येक व्यवसायिक वाहन की तकनीकी स्थिति पर नजर रखी जाएगी। सभी वाहनों को वैध फिटनेस सर्टिफिकेट, प्रदूषण प्रमाणपत्र और बीमा संबंधी दस्तावेजों के साथ यात्रा पर भेजा जाएगा। इसके अलावा, सभी चालकों को शराब या नशे से दूर रहने की सख्त हिदायत दी गई है। यात्रियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार और शिष्टाचार बनाए रखना भी अनिवार्य कर दिया गया है। नियमों का उल्लंघन करने पर चालकों और वाहन मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

धार्मिक यात्रा के साथ आर्थिक योगदान भी

चारधाम यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है बल्कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में भी इसका बड़ा योगदान है। हर वर्ष इस यात्रा से राज्य को करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है। इस वर्ष सरकार का दावा है कि यात्रा को और अधिक व्यवस्थित, सुरक्षित और पर्यावरण-संवेदनशील बनाया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य सेवाएं, सड़क मरम्मत और रात्रि विश्राम की सुविधाएं लगातार सुधारी जा रही हैं।

यात्रियों से भी सहयोग की अपील

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान सभी नियमों का पालन करें और एडवाइजरी का गंभीरता से अध्ययन करें। यात्रा से पहले पंजीकरण कराना और मौसम की जानकारी लेना अनिवार्य किया गया है। साथ ही, यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे पहाड़ी यात्रा की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए आवश्यक दवाइयों, गर्म कपड़ों और पहचान पत्रों को साथ रखें।

Author
Pankaj Singh

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें