
पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney) एक महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है, जो किसी व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति के पक्ष में कार्य करने का अधिकार प्रदान करता है। जब बात प्रॉपर्टी के अधिकारों, बैंकिंग लेनदेन या अन्य व्यक्तिगत कार्यों की आती है, तो पावर ऑफ अटॉर्नी एक भरोसेमंद माध्यम बन जाता है। लेकिन क्या वास्तव में इस दस्तावेज के जरिए आपकी प्रॉपर्टी बेची जा सकती है? इसी सवाल का जवाब इस लेख में विस्तार से दिया गया है।
पावर ऑफ अटॉर्नी के नियम
पावर ऑफ अटॉर्नी एक लिखित दस्तावेज होता है, जिस पर उस व्यक्ति के हस्ताक्षर होते हैं जो अपने अधिकार किसी अन्य व्यक्ति को सौंप रहा होता है। इसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख होता है कि किन कार्यों के लिए अधिकार दिए जा रहे हैं, जैसे कि प्रॉपर्टी देखरेख, प्रॉपर्टी बेचना या बैंक से पैसे निकालना। इस दस्तावेज में प्रिंसिपल यानी संपत्ति मालिक के हस्ताक्षर आवश्यक होते हैं, जिससे वैधता सुनिश्चित होती है। बिना स्पष्ट विवरण के पावर ऑफ अटॉर्नी की वैधता पर सवाल उठ सकते हैं, इसलिए इसे सावधानीपूर्वक तैयार करना बेहद जरूरी है।
कौन रद्द कर सकता है पावर ऑफ अटॉर्नी
पावर ऑफ अटॉर्नी रद्द करने का संपूर्ण अधिकार प्रिंसिपल के पास होता है। जब भी प्रिंसिपल को लगे कि अब प्रतिनिधि पर भरोसा नहीं किया जा सकता या परिस्थितियां बदल गई हैं, तो वह पावर ऑफ अटॉर्नी को रद्द कर सकते हैं। इसके लिए एक रद्दीकरण पत्र (Revocation Deed) बनवाना और उसे पंजीकृत कराना जरूरी होता है, ताकि भविष्य में किसी भी विवाद से बचा जा सके।
क्या पावर ऑफ अटॉर्नी देता है प्रॉपर्टी बेचने का अधिकार
पावर ऑफ अटॉर्नी का मूल उद्देश्य संपत्ति मालिक की अनुपस्थिति में उनके कार्यों का संचालन करना होता है। चाहे विदेश यात्रा हो, बीमारी हो या अन्य कोई मजबूरी, मालिक किसी भरोसेमंद व्यक्ति को पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए संपत्ति से संबंधित कार्यों के लिए अधिकृत कर सकते हैं। कई बार लोग केवल प्रॉपर्टी बेचने के उद्देश्य से भी पावर ऑफ अटॉर्नी का निर्माण करते हैं। इस स्थिति में प्रतिनिधि संपत्ति को बेच सकता है, लेकिन उससे उत्पन्न आर्थिक लाभों पर मालिक का ही पूरा अधिकार रहेगा।
स्वामित्व का नहीं होता ट्रांसफर
यह समझना महत्वपूर्ण है कि पावर ऑफ अटॉर्नी स्वामित्व का हस्तांतरण नहीं करता। यह केवल एक एजेंट को मालिक की ओर से कार्य करने की अनुमति देता है। यदि कोई व्यक्ति केवल देखरेख के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी बनाता है, तो प्रतिनिधि को संपत्ति बेचने का अधिकार नहीं होता। वास्तविक मालिक ही संपत्ति का पूर्ण स्वामी बना रहता है और बिक्री से उत्पन्न सभी लाभों पर उसी का अधिकार होता है।
पावर ऑफ अटॉर्नी का गलत इस्तेमाल करने के परिणाम
पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग एक गंभीर अपराध है। कई बार प्रतिनिधि अपने सीमित अधिकारों से आगे बढ़कर खुद को संपत्ति का मालिक बताने का प्रयास करते हैं या संपत्ति को अवैध तरीके से बेचने की कोशिश करते हैं। ऐसे मामलों में न केवल पावर ऑफ अटॉर्नी को रद्द किया जा सकता है, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट कर दिया है कि पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए स्वामित्व का स्थानांतरण संभव नहीं है, यह केवल कार्यों के निष्पादन के लिए होता है।
पावर ऑफ अटॉर्नी बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान
पावर ऑफ अटॉर्नी बनाते समय अत्यधिक सतर्कता आवश्यक है। कभी भी जल्दबाजी या भावनाओं में बहकर अपने अधिकार किसी को न सौंपें। दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और किसी भी शर्त को शामिल करने से पहले उसकी कानूनी वैधता को समझें। भरोसेमंद गवाहों का चयन करें ताकि भविष्य में दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर कोई सवाल न उठे। प्रॉपर्टी से जुड़े सभी दस्तावेजों का पंजीकरण और स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना अनिवार्य है। यदि आवश्यक हो तो अनुभवी कानूनी सलाहकार की मदद लेना भी एक अच्छा निर्णय हो सकता है।