
पिछले कुछ सालों में हेल्दी लाइफस्टाइल के प्रति लोगों की बढ़ती जागरूकता ने खाने-पीने की आदतों में बड़ा बदलाव ला दिया है। इसी बदलाव ने मार्केट में एक नए और तेजी से उभरते बिजनेस का रास्ता खोला है – टोफू (Tofu) यानी सोया पनीर (Soya Paneer) का बिजनेस। भारत में टोफू की मांग तेजी से बढ़ रही है, खासकर शहरी क्षेत्रों में, जहां लोग अब पौष्टिक, कम फैट और हाई प्रोटीन वाले विकल्पों को प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसे में यह बिजनेस कम लागत में शुरू होकर लाखों की कमाई का अवसर बन सकता है।
टोफू बनाने की आसान प्रक्रिया
टोफू बनाने की प्रक्रिया सरल और कम समय लेने वाली है। इसमें सबसे पहले सोयाबीन को पीसकर 1:7 के अनुपात में पानी के साथ उबाला जाता है। इस मिश्रण को बॉयलर और ग्राइंडर में करीब एक घंटे तक प्रोसेस करने के बाद, आपको 4-5 लीटर सोया दूध प्राप्त होता है। यह दूध सेपरेटर में डालने पर दही जैसा हो जाता है, जिससे पानी अलग किया जाता है और अंत में करीब ढाई से तीन किलो टोफू तैयार होता है।
यदि आप प्रतिदिन 30-35 किलोग्राम टोफू बनाते हैं, तो महीने में 1 लाख रुपये से अधिक की कमाई संभव है। इसकी खासियत यह है कि आप जितना अधिक उत्पादन करेंगे, उतना ही अधिक मुनाफा कमा सकेंगे।
शुरुआत में क्या लगेगा
टोफू प्लांट लगाने के लिए शुरुआती निवेश लगभग 3 से 4 लाख रुपये के बीच आता है। इसमें शामिल हैं:
- बॉयलर, सेपरेटर, जार, फ्रीजर जैसी मशीनें – लगभग 2 लाख रुपये
- सोयाबीन की खरीद – 1 लाख रुपये
- एक्सपर्ट की सहायता और अन्य खर्च – लगभग 50 हजार से 1 लाख रुपये तक
इस तरह एक बार सेटअप तैयार हो जाने के बाद, आप बिना किसी भारी लागत के लगातार प्रोडक्शन कर सकते हैं।
मार्केट डिमांड और हेल्थ बेनिफिट्स
आज के समय में जब लोग हार्ट डिजीज, डायबिटीज और मोटापे से बचाव के लिए प्रोटीन-रिच फूड की ओर रुख कर रहे हैं, टोफू एक परफेक्ट चॉइस बनता जा रहा है। सोया दूध और सोया पनीर की डिमांड शाकाहारी और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने वाले उपभोक्ताओं के बीच बहुत तेजी से बढ़ी है।
यह ना सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसमें कोलेस्ट्रॉल न के बराबर होता है और यह हाई प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन का अच्छा स्रोत होता है। यही कारण है कि अब यह सिर्फ फिटनेस फ्रीक्स ही नहीं, बल्कि आम घरेलू रसोई का भी हिस्सा बनने लगा है।
बाय-प्रोडक्ट्स से भी कमाई
टोफू बनाते वक्त जो खली बचती है, उससे भी अलग-अलग प्रोडक्ट तैयार किए जा सकते हैं। इस खली का उपयोग बिस्कुट और बरी जैसे खाद्य पदार्थों में किया जाता है, जो खुद भी एक प्रोटीन रिच फूड आइटम होता है। यानी इस बिजनेस में अपशिष्ट भी आपके लिए एक अतिरिक्त कमाई का जरिया बन सकता है।