बैंक लॉकर लेना है? जानिए कितनी FD जरूरी और किन चीजों को रखना है गैरकानूनी

क्या आप अपनी ज्वेलरी और ज़रूरी डॉक्युमेंट्स को लेकर हैं परेशान? बैंक लॉकर है सुरक्षित उपाय—but रेंट, FD, और चोरी पर क्लेम की सच्चाई जानना है बेहद ज़रूरी! इस गाइड को पढ़े बिना लॉकर न खुलवाएं, वरना पछताना पड़ सकता है

By Pankaj Singh
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बैंक लॉकर लेना है? जानिए कितनी FD जरूरी और किन चीजों को रखना है गैरकानूनी
बैंक लॉकर लेना है? जानिए कितनी FD जरूरी और किन चीजों को रखना है गैरकानूनी

हम में से कई लोग अपनी ज्वेलरी, जरूरी दस्तावेज या अन्य बेशकीमती सामान घर में रखने से डरते हैं। चोरी या नुकसान की आशंका हमेशा बनी रहती है। ऐसे में बैंक लॉकर (Bank Locker), जिसे सेफ डिपॉजिट लॉकर (Safe Deposit Locker) भी कहा जाता है, एक बेहद सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प बनकर सामने आता है। यह सुविधा बैंक अपने ग्राहकों को एक निश्चित शुल्क पर मुहैया कराते हैं, जिसमें वे अपने कीमती सामान को सुरक्षित तरीके से रख सकते हैं।

कौन ले सकता है बैंक लॉकर?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की गाइडलाइन के मुताबिक, बैंक लॉकर की सुविधा सिर्फ उन्हीं ग्राहकों को दी जाती है जिनका संबंधित बैंक में सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट हो। लॉकर के लिए आवेदन करते समय ग्राहक को पैन कार्ड या आधार कार्ड और एड्रेस प्रूफ जमा करना अनिवार्य होता है। इसके बाद ही लॉकर अलॉटमेंट की प्रक्रिया शुरू होती है।

क्या फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) जरूरी है?

कई बैंक लॉकर सुविधा देने के बदले एक निश्चित राशि की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) करवाने की शर्त रखते हैं। हालांकि, RBI के नियमों के अनुसार, यह FD लॉकर के सालाना किराए (Annual Rent) के तीन गुना से अधिक नहीं होनी चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आपने 4,000 रुपये का स्मॉल साइज लॉकर लिया है, तो FD अधिकतम 12,000 रुपये की हो सकती है। इसका उद्देश्य लॉकर रेंट और संभावित नुकसान को कवर करना होता है।

लॉकर का साइज कैसे तय होता है?

बैंक और ग्राहक के बीच एक एग्रीमेंट साइन होता है, जिसके बाद लॉकर अलॉट किया जाता है। लॉकर सिंगल-टायर्ड या मल्टी-टायर्ड हो सकते हैं और इसका चयन ग्राहक अपनी जरूरत के अनुसार कर सकता है। लॉकर का साइज तय करने में ग्राहक की आवश्यकताएं अहम भूमिका निभाती हैं, जैसे ज्वेलरी रखनी है या बड़े दस्तावेज।

बैंक लॉकर का चार्ज कितना होता है?

बैंक लॉकर का रेंट अलग-अलग बैंकों और उनकी लोकेशन पर निर्भर करता है। मेट्रो शहरों में यह रेट ज्यादा हो सकता है जबकि ग्रामीण इलाकों में कुछ कम। उदारहण के तौर पर:

  • SBI में लॉकर का चार्ज 2,000 रुपये से 12,000 रुपये तक होता है।
  • PNB में 1,250 से 10,000 रुपये तक।
  • Canara Bank में 2,000 से 10,000 रुपये।
  • HDFC Bank में 3,000 से 20,000 रुपये तक।
  • ICICI Bank में 1,200 से 5,000 रुपये तक।

लॉकर लेते समय बैंक ग्राहक से एक सिक्योरिटी डिपॉजिट भी ले सकता है, जिसे FD या कैश के रूप में जमा किया जाता है।

लॉकर की चाबी किसके पास होती है?

लॉकर अलॉटमेंट के बाद ग्राहक को एक यूनिक चाबी दी जाती है, जबकि बैंक के पास उसकी मास्टर की (Master Key) रहती है। लॉकर खोलने के लिए दोनों की आवश्यकता होती है – ग्राहक की चाबी और बैंक के प्रतिनिधि की मास्टर की। यह ड्यूल कंट्रोल सिस्टम लॉकर की सुरक्षा को और मजबूत बनाता है।

पहले आओ, पहले पाओ की नीति

अधिकांश बैंकों में लॉकर की सुविधा ‘पहले आओ, पहले पाओ’ (First Come, First Serve) के आधार पर दी जाती है। यानी अगर सभी लॉकर बुक हो चुके हैं तो ग्राहक को वेटिंग लिस्ट में रखा जाता है। जैसे ही कोई लॉकर खाली होता है, अगला ग्राहक पात्र हो जाता है। साथ ही ग्राहक के खाते में न्यूनतम बैलेंस होना भी जरूरी होता है क्योंकि लॉकर का रेंट उसी खाते से काटा जाता है।

बैंक लॉकर में क्या रख सकते हैं और क्या नहीं?

बैंक लॉकर में ग्राहक जूलरी, कीमती स्टोन, जरूरी डॉक्युमेंट्स, विल, संपत्ति के कागजात जैसे कीमती सामान रख सकते हैं। लेकिन कैश या करेंसी, हथियार, विस्फोटक, रेडियोएक्टिव पदार्थ, ड्रग्स या किसी भी अवैध वस्तु को लॉकर में रखने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा किसी सड़ने-गलने वाली चीज को भी लॉकर में नहीं रखा जा सकता है।

अगर लॉकर से सामान चोरी हो जाए या डैमेज हो जाए तो?

RBI की 2022 में लागू नई गाइडलाइन के अनुसार, अगर बैंक की लापरवाही के चलते लॉकर में रखा सामान चोरी हो जाए या क्षतिग्रस्त हो जाए, तो बैंक को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। अगर नुकसान बैंक के किसी कर्मचारी द्वारा धोखाधड़ी के कारण हुआ है, तो बैंक को लॉकर के एनुअल रेंट के 100 गुना तक भुगतान करना होगा। हालांकि, यह तभी लागू होगा जब ग्राहक ने नियमों के अनुसार लॉकर का उपयोग किया हो और सभी दस्तावेज पूर्ण हों।

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Pankaj Singh

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