FD में निवेश से पहले हो जाएं अलर्ट! जानिए कौन से नुकसान कर सकते हैं आपकी सेविंग्स कम

FD में निवेश करने से पहले यह जानना जरूरी है कि इसमें समय से पहले निकासी, टैक्सेशन, महंगाई, और ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव जैसे जोखिम शामिल हैं। इन पहलुओं को समझकर आप बेहतर निवेश निर्णय ले सकते हैं और अपनी सेविंग्स को सुरक्षित रख सकते हैं।

By Pankaj Singh
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FD में निवेश से पहले हो जाएं अलर्ट! जानिए कौन से नुकसान कर सकते हैं आपकी सेविंग्स कम

फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) भारतीय निवेशकों के लिए एक विश्वसनीय और सुरक्षित विकल्प माना जाता है, लेकिन इसे अपनाने से पहले कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है। FD में निवेश से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं, जिनसे आपकी सेविंग्स पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इस लेख में हम आपको उन नुकसानों के बारे में बताएंगे, जिनसे आप पहले से अवगत होकर सही निर्णय ले सकते हैं।

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समय से पहले FD तोड़ने पर पेनल्टी

FD में निवेश करते समय, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अपनी निधि को मेच्योरिटी से पहले नहीं निकालें। यदि आप FD को समय से पहले तोड़ते हैं, तो बैंक इस पर पेनल्टी लगाते हैं, जिससे आपको कम ब्याज मिलता है। इस पेनल्टी के कारण आपकी कुल बचत में काफी कमी हो सकती है। इसलिये, निवेश करने से पहले यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि क्या आपको निकासी की आवश्यकता हो सकती है।

ब्याज आय पर टैक्स की देनदारी

FD पर मिलने वाले ब्याज से जो आय होती है, उसे आपकी कुल आय में जोड़ा जाता है और उस पर टैक्स लगता है। यदि आपकी वार्षिक आय टैक्सेबल स्लैब में आती है, तो FD से मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स कटेगा। इस टैक्स का असर आपकी कुल सेविंग्स पर पड़ सकता है, जिससे आपको अपेक्षित रिटर्न नहीं मिल पाएगा।

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महंगाई का असर

FD की ब्याज दरें आमतौर पर महंगाई दर से कम होती हैं। इसका मतलब यह है कि FD पर मिलने वाला रिटर्न महंगाई के मुकाबले कम हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि FD पर ब्याज दर 7% है और महंगाई दर 8% है, तो आपकी वास्तविक आय नकारात्मक हो सकती है। इसलिये, FD को केवल एक सुरक्षित निवेश के रूप में ही देखा जाना चाहिए, जो दीर्घकालिक रिटर्न के लिए आदर्श नहीं है।

ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव का खतरा

FD के ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव का जोखिम होता है। जब आप FD करते हैं, तो यह दर निश्चित होती है, जो कि आपकी निवेश अवधि तक स्थिर रहती है। अगर उस दौरान बैंक ब्याज दरें बढ़ाती हैं, तो आप लाभ नहीं उठा सकते। इसका मतलब यह है कि आप एक मौके को खो सकते हैं, जब बाजार में ब्याज दरें बढ़ जाएं।

टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS)

FD पर अर्जित ब्याज पर TDS कटौती की जाती है, खासकर यदि आपकी वार्षिक आय ₹10,000 से अधिक है। इसके लिए आपको फॉर्म 15G या 15H भरने की आवश्यकता होती है। इसके बिना, टैक्स कटौती होने से आपकी सेविंग्स कम हो सकती हैं, जो आपको निवेश के दौरान ध्यान में रखनी चाहिए।

(FAQs)

  1. FD में निवेश करने से पहले क्या बातों का ध्यान रखना चाहिए?
    आपको FD की मेच्योरिटी अवधि और समय से पहले निकासी की पेनल्टी के बारे में सोचना चाहिए। साथ ही, टैक्स और ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव का भी ध्यान रखें।
  2. क्या FD पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है?
    हां, FD पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है। यदि आपकी कुल आय टैक्स योग्य है, तो FD पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्सेबल होता है।
  3. क्या FD को समय से पहले तोड़ने पर पेनल्टी लगती है?
    जी हां, FD को समय से पहले तोड़ने पर बैंक पेनल्टी लगाते हैं, जिससे आपको कम ब्याज मिलता है।

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