क्या होते हैं Add-on Credit Cards? लेने से पहले जानिए इसके फायदे और नुकसान – वरना पड़ सकता है पछताना

एड ऑन क्रेडिट कार्ड प्राइमरी कार्डधारकों को अपने परिवार के सदस्यों के लिए सेकेंडरी कार्ड देने की सुविधा देता है। इससे खर्च को ट्रैक करना, लिमिट को नियंत्रित करना और इमरजेंसी में तुरंत फाइनेंस उपलब्ध कराना आसान होता है। लेकिन अगर सावधानी न बरती जाए तो यह सुविधा आर्थिक दबाव और क्रेडिट स्कोर पर असर डाल सकती है। सोच-समझकर उपयोग करें।

By Pankaj Singh
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क्या होते हैं Add-on Credit Cards? लेने से पहले जानिए इसके फायदे और नुकसान – वरना पड़ सकता है पछताना
Add-on Credit Cards

आज के समय में क्रेडिट कार्ड न केवल खरीदारी और बिल पेमेंट जैसे कामों के लिए बल्कि आपातकालीन स्थितियों में भी काफी उपयोगी होता है। एड ऑन क्रेडिट कार्ड एक ऐसा विकल्प है जो प्राइमरी कार्डधारक के परिवारजनों को भी कार्ड की सुविधा देता है, वो भी बिना नया क्रेडिट कार्ड जारी कराए। यह कार्ड उसी अकाउंट से जुड़ा होता है, जिससे प्राइमरी कार्ड जुड़ा होता है, और इसके जरिए परिवार के खर्चों को एक जगह से ट्रैक करना संभव होता है।

एड ऑन क्रेडिट कार्ड का क्या है महत्व?

Add On Credit Card केवल उन्हीं ग्राहकों को मिलता है जिनके पास पहले से कोई क्रेडिट कार्ड है। बैंक इस सुविधा को एक सप्लीमेंट्री या सेकेंडरी कार्ड के रूप में देता है जिसे प्राइमरी कार्डधारक के परिवार के सदस्य उपयोग कर सकते हैं। यह कार्ड खासकर उनके लिए उपयोगी होता है, जो अपने परिवार के अन्य सदस्यों के खर्चों को एक ही लिमिट के अंतर्गत नियंत्रित रखना चाहते हैं।

यदि किसी ग्राहक की क्रेडिट लिमिट 1 लाख रुपये है, तो यह लिमिट प्राइमरी और एड ऑन दोनों कार्ड पर लागू होती है। इसका मतलब यह नहीं कि एड ऑन कार्ड पर अलग से एक लाख की लिमिट मिलेगी, बल्कि दोनों कार्ड मिलकर कुल एक लाख रुपये तक ही खर्च कर सकते हैं।

एड ऑन क्रेडिट कार्ड के मुख्य फायदे

इस कार्ड के कई फायदे हैं जो इसे एक व्यवहारिक और पारिवारिक विकल्प बनाते हैं। सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसके द्वारा किया गया खर्च प्राइमरी कार्ड के बिल में ही जुड़ जाता है। यानि अलग से किसी तरह का बिल या पेमेंट ट्रैक करने की जरूरत नहीं होती।

Reward Points और अन्य लाभ जैसे एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस, कैशबैक, डील्स आदि एड ऑन कार्ड पर भी लागू होते हैं। यह सुविधा खासकर तब काम आती है जब फैमिली मेंबर्स अलग-अलग शहरों में रहते हैं, जैसे कि स्टूडेंट्स या वर्किंग प्रोफेशनल्स। ऐसे में उन्हें एक फाइनेंशियल बैकअप मिल जाता है जो किसी भी समय उपयोग में लाया जा सकता है। एड ऑन क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करना भी उतना ही आसान होता है जितना प्राइमरी कार्ड से। इसे आप ऑनलाइन खरीदारी, ऑफलाइन स्टोर्स, होटल बुकिंग, बिल पेमेंट आदि के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

एड ऑन क्रेडिट कार्ड के नुकसान और सावधानियां

जहां एक ओर इसके फायदे हैं, वहीं कुछ नुकसानों की भी अनदेखी नहीं की जा सकती। सबसे बड़ी समस्या तब आती है जब एड ऑन कार्ड यूजर समय पर पेमेंट नहीं करता। इस स्थिति में सारा जिम्मा प्राइमरी कार्ड होल्डर पर आ जाता है। इससे न केवल उसकी क्रेडिट हिस्ट्री प्रभावित होती है, बल्कि अतिरिक्त आर्थिक दबाव भी आता है। इसके अलावा खर्च की लिमिट बंधी हुई होती है, जिससे इमरजेंसी में दिक्कत आ सकती है। वहीं, एक स्वतंत्र क्रेडिट कार्ड की तुलना में इसमें खर्च करने की स्वतंत्रता कम होती है।

एक और बड़ा जोखिम तब होता है जब यह कार्ड किसी ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जो पैसे खर्च करने में अनुशासित नहीं है। ऐसा करने से आपकी क्रेडिट लिमिट जल्दी खत्म हो सकती है और समय पर भुगतान न होने पर भारी चार्जेस लग सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि जब भी एड ऑन क्रेडिट कार्ड जारी करने का निर्णय लें, तो ध्यान रखें कि वह व्यक्ति फाइनेंशियली जिम्मेदार हो।

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Pankaj Singh

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