
पोलर वोर्टेक्स का टूटना इस समय वैज्ञानिकों के बीच चिंता का बड़ा विषय बन चुका है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अमेरिका, कनाडा और यूके समेत कई देश मार्च में भयंकर बर्फीले तूफान और जानलेवा ठंड की चपेट में आ सकते हैं। पृथ्वी का तापमान भले ही ग्लोबल वार्मिंग की वजह से बढ़ रहा हो, लेकिन पोलर वोर्टेक्स के टूटने से एक विनाशकारी सफेद तबाही की आशंका गहरा गई है। इस खतरे से बचने के लिए समय रहते तैयारी करना बेहद जरूरी हो गया है।
पोलर वोर्टेक्स क्या है और क्यों बन रहा है संकट का कारण
पोलर वोर्टेक्स, आर्कटिक के ऊपर बनने वाली ठंडी हवा का विशाल भंवर है, जो सामान्य तौर पर ध्रुवीय क्षेत्रों में घूमता रहता है। सर्दियों के दौरान यह और भी मजबूत हो जाता है और ठंडी हवा को ध्रुवों तक सीमित रखता है। मगर जब पोलर वोर्टेक्स टूटता है, तो ये जमा हुआ ठंडा वायुमंडल दक्षिण की ओर फैलने लगता है। इस प्रक्रिया से तापमान में भारी गिरावट आती है और भीषण बर्फीले तूफान की स्थिति बन जाती है। यही कारण है कि वैज्ञानिक इस बदलाव को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।
मार्च में ठंड का नया कहर: वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी
हाल ही में मौसम वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि मार्च में पोलर वोर्टेक्स के टूटने से उत्तरी अमेरिका और यूरोप में ऐतिहासिक ठंड पड़ सकती है। फरवरी में पहले ही इसके संकेत मिल चुके थे, जब कई इलाकों में रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी और तापमान गिरावट देखी गई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि मार्च का पोलर वोर्टेक्स घटना और भी गंभीर रूप ले सकती है, जिससे जनजीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
पोलर वोर्टेक्स का असामान्य व्यवहार: खतरे की घंटी
AccuWeather के मौसम विज्ञानी पॉल पास्टेलोक ने बताया कि इस बार पोलर वोर्टेक्स असामान्य ढंग से खिंच रहा है और अपना आकार बदल रहा है। इसका मुख्य विस्थापन यूरोप और पूर्वी कनाडा की दिशा में हो सकता है। वायुमंडलीय ऊर्जा में असामान्य उतार-चढ़ाव के कारण यह व्यवहार हो रहा है, जो ठंडी हवा को नए क्षेत्रों में ले जाकर बड़ी तबाही का कारण बन सकता है।
जेट स्ट्रीम पर पड़ता असर और ठंडी हवा का दक्षिण की ओर बढ़ना
पोलर वोर्टेक्स जब टूटता है तो यह जेट स्ट्रीम को भी प्रभावित करता है। जेट स्ट्रीम आमतौर पर ठंडी हवा को ध्रुवों में रोके रखती है, लेकिन इसके कमजोर होने पर ठंडी हवा नीचे की ओर धकेल दी जाती है। इस स्थिति में अमेरिका, कनाडा और यूके जैसे देशों में अचानक तापमान गिर जाता है और बर्फीले तूफान का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
फरवरी की तबाही की पुनरावृत्ति का डर
फरवरी में पोलर वोर्टेक्स टूटने के कारण अमेरिका और कनाडा में भीषण ठंड का सामना करना पड़ा था। बर्फबारी और तापमान में रिकॉर्ड गिरावट से स्कूल, दफ्तर और यातायात व्यवस्था चरमरा गई थी। मार्च में दोबारा ऐसी स्थिति बनने की संभावना जताई जा रही है, जो पहले से भी अधिक खतरनाक साबित हो सकती है।
ग्लोबल वार्मिंग और भीषण ठंड के बीच का अनोखा संबंध
हालांकि ग्लोबल वार्मिंग के कारण धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है, फिर भी इतनी भीषण ठंड कैसे पड़ रही है, इस पर वैज्ञानिकों में बहस जारी है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन ने जेट स्ट्रीम के प्रवाह को अस्थिर कर दिया है, जिससे चरम मौसमी घटनाओं की आवृत्ति बढ़ रही है। ग्लोबल वार्मिंग के चलते पोलर वोर्टेक्स के टूटने की घटनाएं और खतरनाक होती जा रही हैं।
NOAA का निष्कर्ष: मजबूत पोलर वोर्टेक्स भी चिंता का विषय
NOAA की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल पोलर वोर्टेक्स मजबूत रहा है, लेकिन इसके विचित्र व्यवहार — आकार बदलना और बार-बार टूटना — एक गंभीर चिंता का कारण बन गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस अस्थिरता के कारण मार्च में भीषण ठंड का एक और दौर आ सकता है, जिससे लाखों लोगों का जीवन प्रभावित होगा।
इन क्षेत्रों पर मंडरा रहा सबसे बड़ा खतरा
अमेरिका, कनाडा और यूके के साथ-साथ यूरोप के कुछ हिस्से भी इस खतरे की जद में आ सकते हैं। पूर्वी कनाडा, मिडवेस्ट अमेरिका और नॉर्थईस्ट अमेरिका में भारी बर्फबारी और तापमान में भारी गिरावट की संभावना है। नागरिकों को सलाह दी जा रही है कि वे पर्याप्त गर्म कपड़े, हीटर और आपातकालीन किट तैयार रखें ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।
सतर्कता से बचाव संभव: ठंड से सुरक्षा के उपाय
इस सफेद कहर से बचने के लिए सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। अनावश्यक यात्रा से बचें, घर के अंदर रहें, गर्म कपड़े पहनें और गाड़ी में इमरजेंसी किट जरूर रखें। स्कूलों और दफ्तरों में छुट्टियों की संभावना को देखते हुए भी समय रहते तैयारी करें। मौसम पूर्वानुमान पर लगातार नजर रखें क्योंकि पोलर वोर्टेक्स का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है।