
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR 2025) उन सभी टैक्सपेयर्स के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जिनकी सालाना आय बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट से अधिक है। ITR के माध्यम से टैक्सपेयर्स अपनी कमाई, कटौतियों (Deductions), टैक्स छूट (Exemptions) और भुगतान किए गए कर (Tax Paid) को घोषित करते हैं। नया वित्तवर्ष 1 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुका है और जल्द ही आयकर विभाग ITR फाइलिंग के लिए पोर्टल खोल सकता है। हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन पिछले सालों के ट्रेंड को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि अप्रैल के अंत तक फाइलिंग प्रक्रिया चालू हो सकती है।
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए ITR भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। टैक्सपेयर्स को सलाह दी जाती है कि अंतिम समय का इंतजार न करें और जल्द से जल्द रिटर्न फाइल कर लें। अंतिम क्षणों में तकनीकी गड़बड़ियों और त्रुटियों का खतरा बढ़ जाता है, जिससे आपका टैक्स रिफंड (Tax Refund) भी देर से मिल सकता है। इसलिए सावधानीपूर्वक और समय रहते ITR फाइल करना सबसे समझदारी भरा कदम होगा।
वेतनभोगी टैक्सपेयर्स के लिए ITR फाइलिंग गाइड
वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए ITR फाइल करने का सबसे उपयुक्त समय मई के अंत से जून के बीच होता है, क्योंकि कंपनियां 15 जून तक फॉर्म 16 जारी करती हैं। फॉर्म 16 में आपकी सैलरी, टीडीएस (TDS) कटौती और अन्य कर विवरण होते हैं, जो ITR भरने के लिए जरूरी होते हैं। सही विवरणों के साथ समय पर फॉर्म भरने से न केवल आपका रिटर्न जल्दी प्रोसेस होता है, बल्कि रिफंड भी शीघ्र मिल जाता है।
बिलेटेड रिटर्न का विकल्प: चूकने पर भी मौका
अगर कोई टैक्सपेयर 31 जुलाई 2025 तक ITR फाइल नहीं कर पाता, तो उसे 31 दिसंबर 2025 तक बिलेटेड रिटर्न फाइल करने का मौका मिलेगा। हालांकि इसके लिए अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा। यदि आपकी कुल आय 5 लाख रुपये से कम है, तो 1,000 रुपये का पेनल्टी लगेगा। वहीं, 5 लाख रुपये से अधिक आय पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसलिए सही समय पर फाइलिंग करना ही सबसे सुरक्षित और आर्थिक रूप से फायदेमंद विकल्प है।
कितने समय में मिलेगा इनकम टैक्स रिफंड?
सही समय पर और बिना किसी त्रुटि के इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पर रिफंड आमतौर पर 7 से 20 कार्यदिवसों में मिल सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपना रिटर्न आधार ओटीपी (Aadhaar OTP) या नेट बैंकिंग (Net Banking) के माध्यम से सत्यापित करें। ध्यान दें कि आपका बैंक खाता पैन कार्ड (PAN Card) से लिंक और वेरिफाइड होना चाहिए। इससे प्रोसेसिंग में किसी तरह की देरी नहीं होती और रिफंड भी शीघ्र प्राप्त हो जाता है।