Sukanya Samriddhi Yojana भारत सरकार की एक प्रमुख बचत योजना है, जो बेटियों के उज्ज्वल भविष्य को आर्थिक संबल प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना, “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान का हिस्सा है। इसमें माता-पिता अपनी बेटी के नाम से खाता खुलवाकर उसमें नियमित निवेश कर सकते हैं, जिससे उनकी शिक्षा और शादी जैसे महत्वपूर्ण खर्च पूरे किए जा सकें।
250 रुपए से शुरू करें निवेश
इस योजना में खाता खुलवाने के लिए सबसे पहले बेटी की आयु 10 वर्ष से कम होनी चाहिए। भारतीय नागरिकता वाले माता-पिता या अभिभावक Sukanya Samriddhi Yojana में निवेश कर सकते हैं। खाता खोलने के लिए न्यूनतम निवेश राशि 250 रुपए है, जबकि अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक का निवेश एक वित्तीय वर्ष में किया जा सकता है।
आकर्षक ब्याज दर और कर छूट
Sukanya Samriddhi Yojana में सरकार प्रत्येक तिमाही ब्याज दर तय करती है। वर्तमान में यह दर 8.2% प्रति वर्ष है, जो अन्य कई बचत योजनाओं की तुलना में अधिक लाभकारी है। इस योजना के अंतर्गत आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट भी प्रदान की जाती है।
10 हजार निवेश पर रिटर्न का गणित
यदि आप हर महीने ₹3,000 का निवेश करते हैं, तो सालभर में आपका निवेश ₹36,000 हो जाएगा। 15 वर्षों तक इस योजना में निवेश जारी रखने पर कुल निवेश ₹5,40,000 होता है। इसके मुकाबले, 8.2% वार्षिक ब्याज दर के साथ मैच्योरिटी पर ₹16,63,813 की राशि प्राप्त होती है। इसमें से ₹11,23,812 केवल ब्याज के रूप में अर्जित होगा।
खाता खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज
Sukanya Samriddhi Account खोलने के लिए बेटी का जन्म प्रमाणपत्र, माता-पिता या अभिभावक का पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड) और पता प्रमाण (आधार कार्ड, पासपोर्ट, बिजली का बिल) आवश्यक है। ये दस्तावेज जमा कर, खाता डाकघर या अधिकृत बैंकों में खोला जा सकता है।
(FAQs)
प्रश्न 1: क्या सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खोलने की कोई आयु सीमा है?
उत्तर: हां, बेटी की आयु 10 वर्ष से कम होनी चाहिए।
प्रश्न 2: क्या खाता केवल माता-पिता ही खोल सकते हैं?
उत्तर: खाता माता-पिता या अभिभावक द्वारा ही खोला जा सकता है।
प्रश्न 3: क्या मैच्योरिटी पर राशि करमुक्त होती है?
उत्तर: हां, मैच्योरिटी पर प्राप्त राशि पूरी तरह करमुक्त होती है।