
उत्तराखंड (Uttarakhand) में मौजूद रानीखेत (Ranikhet) हिल स्टेशन एक ऐसी जगह है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वादियों और आध्यात्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। नैनीताल से महज 2 घंटे की दूरी पर बसा यह हिल स्टेशन अब तक एक सीक्रेट डेस्टिनेशन के रूप में रहा है, लेकिन इसकी तुलना अब लोग कश्मीर की वादियों से करने लगे हैं।
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देश और विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां हर साल पहुंचते हैं, और एक बार जो यहां आता है, वो इस जगह की खूबसूरती का दीवाना हो जाता है।
प्रकृति की गोद में बसा रानीखेत
रानीखेत का मतलब होता है “रानी का खेत”, और इस नाम के पीछे एक दिलचस्प कहानी भी है। कहा जाता है कि राजा सुधर्देव की रानी पद्मावती को यह स्थान इतना पसंद आया कि राजा ने यहां उसके लिए एक महल बनवा दिया।
आज यह जगह घने जंगलों, हरे-भरे चिड़ और देवदार के पेड़ों, शांत झरनों, कलकल करती नदियों और मनमोहक वादियों से घिरी हुई है। यहां की शुद्ध हवा और शांत माहौल हर आने वाले को ताजगी से भर देता है।
रोमांच और अध्यात्म का अनोखा मेल
रानीखेत केवल प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि एडवेंचर लवर्स के लिए भी एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यहां पर्यटक ट्रैकिंग (Trekking), कैंपिंग (Camping), नेचर वॉक और अन्य एडवेंचर एक्टिविटीज का आनंद ले सकते हैं।
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साथ ही, यहां कई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी हैं, जो इस जगह को एक आध्यात्मिक टच देते हैं। झूलादेवी मंदिर और बिनसर महादेव मंदिर जैसे स्थलों पर पर्यटक पूजा-अर्चना के लिए जरूर जाते हैं।
झूलादेवी मंदिर: आस्था का केंद्र
रानीखेत से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित झूलादेवी मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर न केवल अपनी मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी वास्तुकला और शांत वातावरण भी लोगों को आकर्षित करता है।
यहां आने वाले श्रद्धालु घंटियां चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं और मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
बिनसर महादेव मंदिर: प्रकृति और पूजा का संगम
रानीखेत से सिर्फ 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिनसर महादेव मंदिर शिव भक्तों के लिए एक विशेष स्थान रखता है।
यहां की घाटियां, नदियां और वनस्पति पर्यटकों को एक अलग ही आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती हैं। मंदिर के आसपास का वातावरण बेहद शांत और सुकूनदायक है, जो मन को भीतर तक छू जाता है।
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पर्यटकों के लिए सुविधाएं
रानीखेत में ठहरने के लिए होटलों से लेकर होमस्टे तक हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही, रानीखेत का स्थानीय बाजार, स्वादिष्ट पहाड़ी व्यंजन और कारीगरी के उत्पाद भी यात्रियों को बहुत पसंद आते हैं।
यह हिल स्टेशन उन लोगों के लिए भी एक बढ़िया विकल्प है जो भीड़भाड़ से दूर रहकर शांति की तलाश में होते हैं।
कब जाएं रानीखेत?
- रानीखेत साल भर घूमने के लिए उपयुक्त है, लेकिन मार्च से जून और फिर सितंबर से नवंबर के बीच का समय सबसे बेहतर माना जाता है।
- सर्दियों में बर्फबारी का अनुभव भी यहां का आकर्षण बढ़ा देता है।