
मध्य प्रदेश सरकार की Chief Minister Kanya Vivah-Nikah Scheme को अब नई दिशा देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में योजना में कई महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी गई है। इस योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की कन्याओं की शादी के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। अब इसे अधिक पारदर्शी और व्यापक बनाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
पात्रता और सत्यापन प्रक्रिया होगी सख्त और पारदर्शी
नई व्यवस्था के तहत योजना का लाभ केवल उन्हीं कन्याओं को मिलेगा जिनके परिवार BPL पोर्टल पर सत्यापित होंगे। यह सत्यापन डिजिटल माध्यम से होगा जिससे कि अपात्र लोगों की पहचान की जा सके और केवल वास्तविक जरूरतमंद परिवार ही योजना का लाभ उठा सकें। यह संशोधन भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं में विश्वास भी बढ़ाएगा।
सामूहिक विवाह सम्मेलन का कैलेंडर होगा वार्षिक और संभागवार
Chief Minister Kanya Vivah-Nikah Scheme के तहत अब हर संभाग में सामूहिक विवाह/निकाह सम्मेलन एक तयशुदा वार्षिक चक्रीय कैलेंडर के अनुसार आयोजित होंगे। इससे कार्यक्रमों की तैयारियां समय से होंगी और लाभार्थियों को भी स्पष्टता मिलेगी। आयोजन में न्यूनतम 11 और अधिकतम 200 जोड़ों की सीमा तय की गई है, जिससे व्यवस्था नियंत्रित और प्रभावी रह सकेगी।
आधार आधारित ई-केवायसी अनिवार्य, स्क्रूटनी निकाय स्तर पर
वर-वधू दोनों की Aadhaar ई-केवायसी अब अनिवार्य कर दी गई है। इससे व्यक्ति की पहचान और पात्रता की पुष्टि सरल और डिजिटल माध्यम से संभव हो सकेगी। आवेदन पत्रों की जांच निकाय स्तर पर पहले की तरह की जाएगी, जिससे स्थानीय प्रशासन की भूमिका भी बनी रहेगी और योजना की निगरानी बेहतर होगी।
सामाजिक सहभागिता को मिलेगा बढ़ावा
इस योजना में अब समाज के संपन्न और सक्षम वर्ग को भी जोड़ा जाएगा। सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि आयोजन केवल सरकारी जिम्मेदारी न होकर सामाजिक उत्तरदायित्व का भी उदाहरण बने। यह साझेदारी योजना को और मजबूत बनाएगी।
आर्थिक सहायता की नई व्यवस्था
सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण संशोधन यह है कि अब प्रति कन्या ₹55,000 की सहायता राशि में से ₹49,000 की राशि सीधे वधू के खाते में Direct Benefit Transfer (DBT) के माध्यम से भेजी जाएगी। शेष ₹6,000 आयोजन की व्यवस्थाओं जैसे स्टेज, भोजन, डेकोरेशन आदि पर खर्च किए जाएंगे, जो संबंधित निकाय को प्रदान किए जाएंगे। यह मॉडल पारदर्शिता को बढ़ावा देता है और बीच के अनावश्यक खर्चों को खत्म करता है।
वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचेगा लाभ
इन संशोधनों के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि योजना का लाभ उन्हीं जरूरतमंदों तक पहुंचे जिनके लिए यह बनी है। डिजिटल सत्यापन, ई-केवायसी और DBT जैसे आधुनिक माध्यम योजना को भ्रष्टाचार-मुक्त और लाभकारी बनाते हैं।