Army Canteen में इतना सस्ता सामान क्यों मिलता है? जानिए इसके पीछे की वजह

Army Canteen यानी कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट, भारत सरकार द्वारा भारतीय सैनिकों और उनके परिवारों को सस्ती दरों पर दैनिक जीवन की वस्तुएं उपलब्ध कराने की एक खास योजना है। पूरे देश में फैले इसके हजारों स्टोर्स सस्ती खरीदारी की सुविधा के साथ एक विशेष सम्मान का प्रतीक भी हैं।

By Pankaj Singh
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Army Canteen में इतना सस्ता सामान क्यों मिलता है? जानिए इसके पीछे की वजह
Army Canteen

Army Canteen एक ऐसी विशेष सुविधा है, जिसे भारत सरकार ने भारतीय सेना के जवानों और उनके परिवारों की सहायता के लिए स्थापित किया है। इस सुविधा के अंतर्गत कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (Canteen Stores Department – CSD) के माध्यम से देशभर में जवानों को दैनिक उपयोग की वस्तुएं, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और कई तरह के अन्य प्रोडक्ट्स बेहद सस्ती दरों पर उपलब्ध कराए जाते हैं। यह सुविधा केवल एक रियायती बाजार भर नहीं है, बल्कि यह जवानों के समर्पण और बलिदान के लिए सरकार की ओर से एक सम्मान है।

लेह से अंडमान तक फैला है Army Canteen नेटवर्क

कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट यानी CSD की पहुंच देश के हर कोने तक है। लेह की ऊंचाईयों से लेकर अंडमान एंड निकोबार की दूरस्थ टापुओं तक, देशभर में कुल 33 मुख्य डिपो और लगभग 3700 यूनिट रन कैंटीन्स (URCs) मौजूद हैं। इन कैंटीन्स में ग्रोसरी से लेकर किचन अप्लायंसेज़, इलेक्ट्रॉनिक सामान, ऑटोमोबाइल्स और विदेशी ब्रांड्स तक – हर प्रकार का सामान उपलब्ध होता है। यही नहीं, कुछ विशेष कैंटीन्स में शराब (liquor) भी उचित नियमों के तहत उपलब्ध कराई जाती है।

क्यों मिलता है आर्मी कैंटीन में सामान इतना सस्ता?

Army Canteen में मिलने वाले सामानों की कीमतें बाज़ार से काफी कम होती हैं। इसका मुख्य कारण टैक्स में दी जाने वाली छूट है। आमतौर पर बाजार में जिस सामान पर 18% टैक्स लगता है, वहीं आर्मी कैंटीन में उस पर केवल 50 प्रतिशत टैक्स लिया जाता है, यानी मात्र 9%। इस व्यवस्था के पीछे सरकार का उद्देश्य है कि देश के जवान और उनके परिवारजन कम लागत में अच्छी सुविधाएं प्राप्त कर सकें।

हर किसी को नहीं मिलती खरीदारी की अनुमति

Army Canteen की यह सुविधा सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए है जो भारतीय सेना, नेवी या एयरफोर्स से जुड़े हैं या रिटायर्ड हो चुके हैं। पहले, कैंटीन कार्डधारक अनलिमिटेड खरीदारी कर सकते थे, जिससे कई बार सैनिकों के दोस्तों या रिश्तेदारों के जरिए अतिरिक्त खरीदारी होती थी। इससे वास्तविक पात्र लोगों को परेशानी होती थी। अब सरकार ने इस पर कड़ा नियंत्रण लगाया है। हर कार्डधारक को महीने भर में एक निर्धारित लिमिट तक ही सामान खरीदने की अनुमति है, जिससे इस सुविधा का सही लाभ वास्तविक हकदारों को मिल सके।

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Pankaj Singh

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