HSRP Plate लगवाना हुआ मुश्किल! मोबाइल OTP नहीं आया तो रुक सकता है काम – 15 अप्रैल है आखिरी तारीख

एचएसआरपी लागू करने की आखिरी तारीख निकट है और लाखों वाहन मालिक अब भी पीछे हैं। यह नंबर प्लेट न केवल सुरक्षा देती है, बल्कि वाहन चोरी और धोखाधड़ी की घटनाओं को भी रोकती है। राज्यभर के आरटीओ दफ्तरों में अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं और डिजिटल भुगतान के माध्यम से प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।

By Pankaj Singh
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HSRP Plate लगवाना हुआ मुश्किल! मोबाइल OTP नहीं आया तो रुक सकता है काम – 15 अप्रैल है आखिरी तारीख
HSRP Plate

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट-HSRP को लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्धारित डेडलाइन अब बेहद नजदीक है। केंद्रीय मोटरयान अधिनियम के अनुसार, एक अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इस नियम का उद्देश्य वाहनों की सुरक्षा और पहचान को पुख्ता करना है, साथ ही ट्रैफिक प्रबंधन में भी सुधार लाना है।

तेजी से हो रहा आवेदन, फिर भी पीछे हैं लाखों वाहन मालिक

परिवहन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेशभर में अभी तक लगभग 82,000 वाहनों पर HSRP लगाई जा चुकी है और करीब 38,000 वाहनों का पंजीयन भी हो चुका है। हालांकि, अब भी लगभग 32 लाख वाहनों को यह प्लेट लगाना बाकी है। यह आंकड़े दिखाते हैं कि जागरूकता के बावजूद अभी भी एक बड़ी संख्या में वाहन मालिक पीछे हैं।

15 अप्रैल को आखिरी तारीख मानते हुए जिला परिवहन कार्यालयों में अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं। रायपुर में कलेक्ट्रेट, रावांभाठा और पंडरी स्थित परिवहन सेवा केंद्रों में मोबाइल नंबर कनेक्ट करने की सुविधा भी मुहैया कराई गई है, ताकि HSRP इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया को और तेज किया जा सके।

क्यों है HSRP जरूरी और क्या हैं इसके फायदे

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एक मजबूत एल्यूमीनियम की प्लेट होती है, जिस पर क्रोमियम आधारित होलोग्राम और यूनिक लेजर कोड दर्ज रहता है। यह प्लेट नॉन रिमूवेबल स्नैप लॉक के जरिए जुड़ी होती है, जिसे एक बार तोड़ने के बाद दोबारा नहीं जोड़ा जा सकता। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह नकली नंबर प्लेट बनाना लगभग असंभव बना देती है।

HSRP लगाने से वाहन चोरी की घटनाओं में गिरावट आती है, ट्रैफिक पुलिस को वाहन की पहचान में आसानी होती है और दुर्घटना के मामलों में भी सहायता मिलती है। साथ ही, यह संपूर्ण सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाती है और चालान से बचने में मदद करती है।

HSRP के लिए आवेदन कैसे करें

वाहन मालिक www.cgtransport.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, जिला परिवहन कार्यालय और परिवहन सेवा केंद्रों में भी आवेदन की सुविधा उपलब्ध है। HSRP इंस्टॉलेशन की जिम्मेदारी रोसमार्टा सेटी और रियल मेजान इंडिया लिमिटेड कंपनियों को सौंपी गई है।

क्या है शुल्क संरचना

HSRP के लिए निर्धारित शुल्क वाहन के प्रकार पर निर्भर करता है। दोपहिया, ट्रैक्टर और ट्रेलर के लिए यह शुल्क ₹365.80 (GST सहित), तीन पहिया वाहनों के लिए ₹427.16, हल्के मोटरयान और पैसेंजर कार के लिए ₹656.08 से ₹705.64 तक निर्धारित है। इसके अतिरिक्त, पहले से पंजीकृत वाहनों पर HSRP इंस्टॉलेशन के लिए ₹100 अतिरिक्त शुल्क भी देना होता है। सभी भुगतान केवल डिजिटल मोड में स्वीकार किए जाते हैं।

पुराने वाहनों की स्थिति और संख्या

प्रदेशभर में फिलहाल 80 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें से लगभग 50 लाख वाहन 2019 से पहले के हैं। इनमें से लगभग आठ लाख वाहन जर्जर स्थिति या 20 साल से अधिक पुराने होने के कारण सड़कों से बाहर हो चुके हैं। यानी कि अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे वाहन हैं, जिन्हें HSRP लगवाना आवश्यक है।

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Pankaj Singh

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