
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही गोल्ड लोन के नियमों में अहम बदलाव करने जा रहा है। फिच रेटिंग्स के अनुसार, इन नए दिशा-निर्देशों से गोल्ड लोन सेक्टर में पारदर्शिता और स्पष्टता बढ़ेगी। हालांकि, इन बदलावों से जहां कुछ छोटे खिलाड़ी परेशान हो सकते हैं, वहीं मुथूट फाइनेंस लिमिटेड और मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड जैसे दिग्गज कंपनियों को इसका सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।
गोल्ड लोन एक ऐसा क्षेत्र है जहां तेजी से वृद्धि देखने को मिली है, खासकर आर्थिक अस्थिरता के समय में। ऐसे में RBI की नई गोल्ड लोन गाइडलाइन से इस सेक्टर में भरोसे और स्थिरता दोनों बढ़ेगी। फिच के अनुसार, इन बदलावों से लोन देने की प्रक्रिया अधिक विनियमित होगी, जिससे ग्राहकों और वित्तीय संस्थानों दोनों को लाभ होगा।
बाजार में दिखा गाइडलाइन का असर
15 अप्रैल को जैसे ही इस खबर ने जोर पकड़ा, शेयर बाजार ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। मुथूट फाइनेंस के शेयर में दोपहर तक 1.6% की तेजी दर्ज की गई और यह ₹2038.70 पर पहुंच गया। वहीं मणप्पुरम फाइनेंस के शेयर में 1.06% की बढ़त आई और यह ₹225.80 पर ट्रेंड करता दिखा। इससे स्पष्ट है कि बाजार को इन नई गाइडलाइंस से सकारात्मक उम्मीदें हैं।
नई गाइडलाइन से क्या होगा बदलाव
RBI की आगामी गाइडलाइन से गोल्ड लोन सेक्टर में वर्तमान समय की अस्थिरता काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। इससे न केवल प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि यह क्षेत्र और अधिक रेग्युलेटेड भी हो जाएगा। हालांकि, इससे जुड़ी कागजी कार्रवाई में बढ़ोतरी की संभावना है, जिससे कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFI) को दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
हाल ही में हुई RBI मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग में इस संबंध में संकेत दिए गए थे। बैठक में RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने गोल्ड लोन की प्रक्रिया को लेकर चिंता जताई थी और नई गाइडलाइन लाने की बात कही थी। इसके साथ ही उन्होंने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की घोषणा भी की थी, जिससे लोन सेक्टर को और बल मिला।
गोल्ड लोन नियमों में मौजूदा खामियाँ
वर्तमान समय में कई गोल्ड लोन कंपनियाँ सही तरीके से लोन टू वैल्यू (LTV) रेशियो का पालन नहीं कर रही हैं। साथ ही, वे ग्राहकों की गोल्ड ज्वैलरी को सुरक्षित रखने के लिए फिनटेक एजेंट्स और थर्ड पार्टी कंपनियों का सहारा ले रही हैं। पहले यह कार्य गोल्ड लोन कंपनियाँ खुद करती थीं, जिससे जिम्मेदारी और सुरक्षा अधिक सुनिश्चित होती थी।
RBI इस बात को लेकर चिंतित है कि थर्ड पार्टी के शामिल होने से गोल्ड की सुरक्षा और ग्राहकों की जानकारी के दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है। इसी कारण से RBI गोल्ड लोन की पूरी प्रक्रिया को अधिक विनियमित और पारदर्शी बनाने के लिए दिशा-निर्देशों में बदलाव की योजना बना रहा है।