
दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ (DSRDS) के महासचिव सौरभ गुप्ता के अनुसार, हाल ही में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा की गई पहल से जरूरतमंदों के लिए राशन कार्ड बनवाना अब अधिक सरल हो गया है। इस कदम से उन लाखों परिवारों को राहत मिलने की संभावना है, जो अब तक पात्रता के पुराने मापदंडों के कारण इस योजना से वंचित थे। गुप्ता का मानना है कि सरकार को चाहिए कि राशन कार्ड की पात्रता में आय के मापदंडों की समीक्षा करे, क्योंकि वर्तमान में लागू मानक करीब 15 वर्ष पुराने हैं और आज की महंगाई व जीवन-शैली के अनुरूप नहीं हैं।
फ्री राशन की योजना और उसका दुरुपयोग
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के अंतर्गत कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू हुई मुफ्त राशन योजना आज भी जारी है। यह योजना गरीबों के लिए किसी वरदान से कम नहीं, लेकिन जब इस योजना का लाभ जरूरतमंदों के बजाय ऐसे सरकारी कर्मचारी उठाएं जो स्वयं संपन्न हैं, तो यह न केवल नीति के उद्देश्य को विफल करता है बल्कि सामाजिक असमानता को भी बढ़ावा देता है।
दिल्ली सरकार द्वारा विभिन्न विभागों से लिए गए आंकड़ों से एक चौंकाने वाली हकीकत सामने आई है—हजारों सरकारी अधिकारी, कर्मचारी और पेशेवर, जो राशन कार्ड की पात्रता के दायरे में नहीं आते, वर्षों से मुफ्त राशन ले रहे हैं। यह तब और चिंताजनक हो जाता है जब इन लोगों में शिक्षक, डॉक्टर, नर्स, कोर्ट कर्मचारी और अग्निशमन विभाग के अधिकारी जैसे सम्मानित पेशेवर भी शामिल हैं।
राशन कार्ड सत्यापन में लापरवाही और अब उठाए गए कदम
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की नियमित समीक्षा प्रक्रिया के तहत समय-समय पर अन्य विभागों से आंकड़े मंगवाकर लाभार्थियों की छंटनी की जाती है। लेकिन पूर्व आप सरकार के शासनकाल में इस प्रक्रिया को नजरअंदाज किया गया। दिल्ली सरकार की तरफ से ई-केवाईसी (e-KYC) सत्यापन योजना की शुरुआत में भी तत्परता नहीं दिखाई गई, जिससे अपात्र लोग सिस्टम में बने रहे।
हाल ही में जब सरकार ने विभिन्न विभागों से आंकड़े जुटाए तो यह साफ हो गया कि करीब 5622 ऐसे परिवार हैं, जो राशन कार्ड के लिए अयोग्य हैं, फिर भी योजना का लाभ ले रहे हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाने वाले TGT और PGT शिक्षकों की है। जबकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFS Act) के तहत केवल वही परिवार राशन कार्ड के लिए पात्र माने जाते हैं, जिनकी वार्षिक आय ₹1 लाख या उससे कम हो।
अब तेजी से रद्द हो रहे हैं अपात्र कार्ड
दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इन अपात्र राशन कार्डों को रद्द करने की प्रक्रिया जोरों पर है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि आगामी समय में ऐसी गड़बड़ियां न हों। सरकार अब ई-केवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है, जिससे लाभार्थियों की पहचान को और अधिक पारदर्शी व भरोसेमंद बनाया जा सके।
इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जो परिवार वास्तव में गरीबी रेखा के नीचे जीवन व्यतीत कर रहे हैं, उन्हें योजनाओं का लाभ प्राथमिकता से मिले, और व्यवस्था में छिपे भ्रष्टाचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए।